नई दिल्ली: राजस्थान में कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। दोनों ओर से चल रही बयान बाजियों के बीच प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने अपना पक्ष रखा है। सचिन पायलट ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक गहलोत का बिना नाम लिए कहा कि आजादी के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी, तब राहुल गांधी ने उन्हें कमान सौंपी थी।
गौरतलब है कि गहलोत ने खुद के लिए कहा था कि 10 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद अब कौन से नए चेहरे की जरूरत है। हालांकि इसके बाद उन्होंने यू-टर्न ले लिया था। पायलट ने आस्ट्रेलिया से लौटकर पत्रकारों से कहा कि सामूहिक नेतृत्व में चुनाव होंगे।
उन्होने यह भी कहा कि पार्टी के बड़े नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे पार्टी की बदौलत ही बड़े बने हैं। ऐसे में उन्हें ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए, जिससे पार्टी को नुकसान हो। उन्होंने कहा कि जनता, कांग्रेस की ओर उम्मीद की नजरों से देख रही है। आपसी बयानबाजी से जनता के मनोबल को ठेस लगती है। बड़े नेताओं को इन सबसे बचना चाहिए।
ये भी पढें:
जम्मू-कश्मीर के सोपोर में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को किया ढेर
जम्मू-कश्मीर: पुलवामा में इंजीनियरिंग का छात्र खुर्शीद अहमद मलिक ने आतंकवाद का थामा दामन
By:Ritu Raj