Breaking News देश

परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्‍यक्ष के.एन. व्‍यास ने आईएईए के 63वें महाधिवेशन पर ऑस्ट्रिया सरकार को दी बधाई

k n vyas परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्‍यक्ष के.एन. व्‍यास ने आईएईए के 63वें महाधिवेशन पर ऑस्ट्रिया सरकार को दी बधाई

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) का 63वां महाधिवेशन वियना 16 से 20 सितम्‍बर, 2019 तक चलेगा। परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव तथा सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख डॉ.के.एन. व्यास ने 63वें महाधिवेशन के अवसर पर भारत और भारत की सरकार की ओर से अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और सदस्य देशों को हार्दिक बधाई दी।

इसके साथ उन्होंने कहा कि मैं अपने अन्य सहयोगियों के साथ इस वर्ष जुलाई में डीजी अमानो के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। आईएईए में उनका योगदान सर्वविदित है। हम उनकी भारत यात्रा और हमेशा मदद के लिए तैयार उनके व्‍यवहार को बहुत याद करते हैं। महानिदेशक अमानो के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, खासतौर से “शांति और विकास के लिए परमाणु” की उनकी दूरदर्शिता, जिसका वैश्विक महत्‍व है। भारत सिबर्सडॉर्फ में लचीली मॉड्यूलर प्रयोगशाला का नाम युकिया अमानो प्रयोगशाला रखने का पूरे दिल से समर्थन करता है।

डॉ व्यास ने बताया कि पिछले वर्षों की तरह, इस वर्ष भी, आईएईए के साथ भारत की बातचीत महत्वपूर्ण रही है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भौतिकी और प्रौद्योगिकी के मुद्दों पर चर्चा के लिए 27वां आईएईए फ्यूजन एनर्जी सम्‍मेलन (एफईसी -2018), अक्टूबर 2018 में गांधीनगर, गुजरात में आयोजित किया गया था। यह सम्‍मेलन सफल रहा और इसमें 39 देशों के 700 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। सम्मेलन में 131 मौखिक और 641 पोस्टर प्रस्तुतियों और उत्पादों के प्रदर्शन ने सम्मेलन में जान डाल दी। 2018-19 में ग्लोबल सेंटर फॉर न्यूक्लियर एनर्जी पार्टनरशिप में आयोजित 19 कार्यक्रमों में से भारत ने आठ आईएईए के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किए। इससे क्षमता निर्माण में आईएईए के साथ भारत का सहयोग मजबूत हुआ।

इसके साथ उन्होंने कहा कि मुझे आपके साथ यह बात साझा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि भारत के कैगा जनरेटिंग स्टेशन (केजीएस-1) ने 99.3 प्लांट लोड फैक्टर पर काम करते हुए 31 दिसंबर को 962 दिन लगातार काम करने का एक नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया। अप्रैल और मई 1969 में ग्रिड से जुड़ी तारापुर परमाणु ऊर्जा स्टेशन इकाइयों (टीएपीएस 1 और 2) ने सुरक्षित काम करने के 50 वर्ष पूरा कर लिए हैं। ये वर्तमान में दुनिया में सबसे पुराने कार्यरत पावर रिएक्टर हैं, जो प्रति यूनिट 3 सेंट से भी कम परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। ऐसी उपलब्धियाँ भारत की डिजाइन, निर्माण क्षमता और पीएचडब्‍ल्‍यूआर तथा एलडब्‍ल्‍यूआर को संचालित करने की क्षमता को प्रदर्शित करती हैं। भारत के पास परमाणु ऊर्जा उत्पादन में क्षमता वृद्धि की योजना है और वर्तमान में हमारे पास निर्माण और नियोजन की अवस्‍था में 21 रिएक्टर हैं। इससे लगभग 15,000 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता प्राप्त करने में मदद मिलेगी। डीएई के तहत एक इकाई, परमाणु ईंधन परिसर (एनएफसी) ने प्रारंभिक आवश्यकता की ओर, पहले 700 मेगावाट के पीएचडब्ल्यूआर, केएपीएस -3 को ईंधन बंडल की आपूर्ति पूरी कर ली है।

अप्सरा-यू, एक आधुनिक स्विमिंग पूल टाइप रिएक्टर है, जो सितंबर 2018 से काम कर रहा है, उसने रेटेड पावर में 90 प्रतिशत काम किया है और यह दिखा दिया है कि यह वाहक मुक्त सीयू-64 रेडियोआईसोटोप का उत्पादन कर सकता है, जिसके पीईटी स्कैन में उपयोग की संभावना है।

यू-233 ईंधन वाले कलपक्कम मिनी रिएक्टर (कामनी) का सफल परिचालन जारी है। इसका उपयोग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, उत्‍प्रेरण विश्लेषण, न्यूट्रॉन डिटेक्टर परीक्षण आदि से बड़ी संख्या में पायरो-उपकरणों के न्यूट्रॉन रेडियोग्राफी के लिए किया जा रहा है। डीएई के तहत एक इकाई, टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) के आज सात अस्पताल और एक अनुसंधान संस्थान है, जो हर वर्ष पांच लाख से अधिक रोगियों की जरूरतों को पूरा करता है, जिनमें से लगभग 100,000 नए रोगी होते हैं।

डॉ.के.एन. व्यास ने खुशी जताते हुए कहा कि कल हमने सम्‍मेलन के दौरान एक वैश्विक कैंसर देखभाल नेटवर्क, “एनसीजी विश्‍वम कैंसर केयर कनेक्‍ट” (एनसीजी-विश्‍वम 3सी) की शुरूआत की है। एनसीजी-विश्‍वम भारत के राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी) के साथ सहयोगी देशों में आवश्‍यक कैंसर देखभाल करता है। टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) द्वारा प्रबंधित एनसीजी की स्‍थापना, 2012 में पूरे भारत में कैंसर की देखभाल के समान मानकों को बनाने के उद्देश्‍य से की गई थी और यह 183 कैंसर केंद्रों तथा अस्पतालों के एक बड़े नेटवर्क के साथ विकसित हुआ है।

भारत ने सामाजिक उपयोग के लिए विकिरण प्रौद्योगिकियों के उपयोग में भारी प्रगति की है। हम अपने अनुकूल भागीदारों के साथ अपने ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है। अंत में उन्होंने आईएईए और महाधिवेशन की मेजबानी के लिए ऑस्ट्रिया सरकार और इसके लोगों को धन्यवाद दिया और 63वें सम्मेलन की शानदार सफलता की कामना भी की।

Related posts

World Environment Day 2018: प्लास्टिक ले सकता है आपके मासूम बच्चें की जान

mohini kushwaha

योगी-राजनाथ ने लखनऊ मेट्रो को दिखाई हरी झंडी, बुधवार से आम लोग करेंगे सफर

Pradeep sharma

कश्मीर के शोपियां में आतंकियों ने किया सेना के काफिले पर हमला

kumari ashu