लव जिहाद के मामलों में सरकार की भले ही सख्ती देखने को मिल रही हो। पर रायबरेली पुलिस लव जिहाद जैसे गंभीर मामलों में भी लापरवाही से बाज नही आ रही है। लव जिहाद का एक ऐसा ही मामला रायबरेली से सामने आया है। जिसमे पीड़िता से नाम बदल कर फोन पर बात कर उसे प्रेमजाल में आरोपी युवक ने फसाया और फिर दोनों की मुलाकात हुई और फिर आरोपी युवक द्वारा शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए गए जब पीड़िता ने शादी का दबाव बनाया तो आरोपी ने अपना मोबाइल नंबर ही बदल डाला और जब आरोपी से बात होना बंद हुई तो पीड़िता आरोपी के गाव पहुँची तब उसे सच्चाई पता चली जिसके बाद उसने थाने में शिकायत की पर पुलिस ने मुकदमा तक दर्ज नही किया जिसके बाद पीड़िता एसपी की चौखट पर पहुच कर न्याय की गुहार लगाई है।
दरअसल पीड़िता दिल्ली की रहने वाली है , पीड़िता का आरोप है कि रायबरेली जिले के लालगंज कोतवाली क्षेत्र के मधुकरपुर के रहने वाले सद्दाम नाम के युवक ने अपना नाम बदलकर सोनू नाम से फोन पर बात करता था और दोनो में प्रेम हो गया जिसके बाद आरोपी युवक दिल्ली में जाकर पीड़िता से न सिर्फ शादी का झांसा देकर 8 सालों से रेप कर रहा था बल्कि उससे रुपये भी एठ रहा था जब पीड़िता ने शादी का दबाव डाला तो आरोपी युवक ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया जब कई दिनों से आरोपो से पीड़िता की बात नही हुई तो वह दिल्ली से रायबरेली आई उर आरोपी के गाँव जाकर सोनू की तलाश शुरू की तब जाकर पता चला कि सोनू नाम का कोई युवक है ही नही जब पीड़िता ने फ़ोटो दिखाई तब उसे पता चला कि वह सोनू नही सद्दाम है।
फिर पीड़िता सद्दाम के घर पहुँची तो उसके भाई द्वारा उसे कमरे में बंद कर लिया गया। पीड़िता का आरोप है कि उसके भाई ने भी उसके साथ रेप किया और धमकी देते हुए भगा दिया। पीड़िता का आरोप है कि वह जब इसकी शिकायत लालगंज थाने करने गई तो उसे वहां मदद नही बल्कि दुत्कार मिली। जिससे आजिज आकर वह एसपी की चौखट पहुँची पर एसपी से भी उसकी मुलाकात नही हो सकी। पीड़िता ने कहा कि अगर अब उसे न्याय न मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी।
वहीं इस मामले मव जब भारत समाचार के रिपोर्टर ने लालगंज कोतवाल के सीयूजी नम्बर पर कॉल कर घटना जानने का प्रयाश किया गया तो उनका सीयूजी नम्बर तक नही रिसीव हुआ। यही नही जब भारत समाचार के रिपोर्टर उच्चाधिकारियों से उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो कोई भी अधिकारी कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नही हुआ। लव जिहाद जैसे गंभीर मामले में भी आलाधिकारियों की लापरवाही सवाल खड़ा कर रही है।