देहरादून में आज सुबह आईएमए में हुई पासिंग आउट पर्ड में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से संक्रमण से बचने की पूरी सावधानी बरती गई।
देहरादून। देहरादून में आज सुबह आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से संक्रमण से बचने की पूरी सावधानी बरती गई। यहां पर अंतिम पग पार के दौरान 333 कैडेट्स देश की सेवा में खुद को न्योछावर करने लिए और भारत माता की आन-बान और शान के लिए तैयीर हुए।
बता दें कि आज देहरादून में 333 सैनिक देश की सेवा में समर्पित होने के लिए तैयार हुए। इसके अलावा 90 विदेशी कैडेट्स भी अपने देश की सेना में शामिल हुए। इन सैनिको ने कड़े प्रशिक्षण के बाद आज अंतिम पग भरा। जिसके बाद ये सभी सैनिक भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। परेड में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर भाग लिया।
वहीं आज सुबह 6 बजकर 42 मिनट पर सभी कैडेट परेड स्थल पहुंच चुके थे। वहां पहुंचने के बाद सबसे पहले डिप्टी कमांडेंट ने परेड की सलामी ली। उसके बाद 7 बजकर 5 मिनट पर कमांडेंट ले. ज. जयवीर सिंह नेगी ने परेड की सलामी ली। इसके बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने परेड का निरीक्षण किया। रिव्यूइंग ऑफिसर ने विजेताओं को पुरुस्कार वितरित किए। फिर ये जांबाज अंतिम पग भर सेना में शामिल हो गए।
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साथ ही बता दें कि परेड में ऐसा पहली बार हुआ है कि सैनिकों ने बिना अपने परिवार और रिश्तोदारों के अंतिम पग भरा। भरातीय इतिहास में ऐसा कभी नहीं हा कि बिना परिवार के किसी सैनिक ने बिना किसी अपने के अंतिम पग भरा हो। लेकिन इस बार 333 भारतीय और 90 विदेशी कैडेट आईएमए से प्रशिक्षण पूरा कर भारतीय सेना और विदेशी कैडेट अपने देशों की कमान संभालने को तैयार हो गए हैं।
इस मौके पर न उनके माता-पिता उनके साथ थे और न ही कोई मित्र उनके साथ था बता दें कि ऐसा इस लिए किया गया क्योंकि सभा जानते हैं कि देश में इस वक्त कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है। जिसके कारण पीओपी में आईएमए की ओर से किसी भी कैडेट्स के परिजनों को बुलावा नहीं भेजा गया था।