नई दिल्ली। जान बचाने वाला इस दुनिया में सबसे महान होता है चाहे वो कोई युवा हो या फिर बच्चा। इस बार पीएम मोदी ऐसे ही 18 बच्चों को सम्मानित करेंगे जिन्होंने अपनी छोटी सी उम्र में ही दूसरों की जान बचाकर इतिहास रच दिया है। इस बार ये पुरुस्कार 18 बच्चों को दिया जा रहा है जिनमें 11 लड़के और 7 लड़कियां शामिल हैं।
पीएम मोदी इन बहादुर बच्चों को सम्मान देंगे। 26 जनवरी को राष्ट्रपति कोविंद बच्चों के सम्मान में एक रिसेप्शन देंगे।बच्चों को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल किया जाएगा।तीन बच्चों को उनके साहसिक काम के लिए मरणोपरांत राष्ट्रीय वीरता पुरुस्कार से नवाजा जाएगा।
नेत्रवती चव्हाण (मरणोपरांत)- कर्नाटक की इस 14 साल की बहादुर लड़की ने अपनी जान गंवा कर दो लड़कों की जान बचाई थी। नाजिया- नाजिया की उम्र महज 16 साल है, लेकिन इस उम्र में उसने बिना डरे जुआ और ड्रग माफिया को जड़ से उखाड़ दिया।नाजिया को किडनैप होने की धमकी भी मिली, लेकिन उसने बिना डरे सीएम योगी को ट्वीट किया।उसे भारत अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
ममता दलाई- अपनी 6 साल की छोटी सी उम्र में बड़ी बहन को बचाने के लिए उसने 5 फीट के मगरमच्छ से लड़ाई कर ली।उसे गयाधनी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।करनबीर सिंह- 16 साल के बच्चे ने घायल होने के बावजुद दुर्घटना की शिकार अपनी स्कूल बस से 15 बच्चों की जान बचाई।इस दुखद हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई।
लोकरकपाम राजेश्वरी चनु (मरणोपरांत)- 14 साल की मणिपुर की इस बेटी ने इंफाल नदी में गिर रही मां और उसकी बेटी को बचाया था और उसकी जान चली गई थी।ललछंदमा (मरणोपरांत)- 12वीं में पढ़ने वाले लड़के ने अपने दोस्त की जान बचाने के चक्कर में खुद की जान गंवा दी। लक्ष्मी यादव- 16 साल की छत्तीसगढ़ के रायपुर की रहने वाली बेटी ने खुद को यौन शोषण से बचाया।