जम्मू-कश्मीर में तीन साल से चले आ रहे गठबंधन को बीजेपी ने वापस लेते हुए राज्य में राज्यपाल शासन लगाने की बात कही है। और इस फैसले को बीजेपी ने राष्ट्रहित में बताया। आपको बता दें कि बीजेपी ने अचानक पीडीपी से समर्थन वापसलिया है। बीजेपी की पार्टनर पीडीपी को भी बीजेपी के इस फैसले की कोई पूर्व में सूचना नहीं थी। गौरतलब है कि पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है।
उमर अबदुल्ला ने कहा पार्टी को सरकार चलाने का जनादेश नहीं है
घटनाक्रम के बाद राज्य में मुख्य विपक्षी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और राज्य के पूर्व सीएम उमर अबदुल्ला ने राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उमर ने कहा कि वह पीडीपी को समर्थन देकर सरकार बनाने नहीं जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को सरकार चलाने का जनादेश नहीं मिला है।उमर की यह बात उनके पिछले स्टैंड से अलग है। 2014 में राज्य विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद उमर अबदुल्ला ने बीजेपी और पीडीपी दोनों के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश की थी।
बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से राज्य में हालात और खराब हो गए
उमर अबदुल्ला के अब पीडीपी के साथ मिलकर सरकार न बनाने की क्या वजहें हो सकती हैं। और बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन इसलिए तोड़ा, क्योंकि इस सरकार के शासनकाल में अधिकांश समय राज्य ना के बराबर ही रहा। बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से राज्य में हालात और खराब हो गए हैं। ऐसे में उमर अबदुल्ला का बीजेपी और पीडीपी का बनाया कांटों का ताज पहनना गलती होती। सरकार में आने पर उन्हें पिछली सरकार के कारनामों की आलोचना झेलनी पड़ती।
इस्तीफे के बाद बोली महबूबा मुफ्ती, सत्ता के लिए नहीं किया था गठबंधन
नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर की राजनीति में ही सक्रिय है
आपको बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर की राजनीति में ही सक्रिय है। यहां पीडीपी उसकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी है। उमर अबदुल्ला राज्य के पिछले सीएम थे। ऐसे में उनका पीडीपी से हाथ मिलाना अपने प्रतिद्वंद्वी के सामने सरेंडर करने से कम नहीं है।