लखीमपुर प्रकरण को लेकर किसानों की मौत के बाद उत्तराखंड के किसान का गुस्सा सातवें स्थान पर है । कल जनपद के काशीपुर में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को रद्द करने की किसानों ने कड़ी चेतावनी दी है। चेतावनी दी है कि अगर मुख्यमंत्री काशीपुर आते हैं तो किसान हेलीपैड पर ट्रैक्टर-ट्राली लेकर घुस जाएंगे और टेंट उखाड़ कर फेंक देंगे। किसी भी हालत में मुख्यमंत्री को काशीपुर में रैली नहीं करने दी जाएगी।
काशीपुर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कल होने वाली रैली नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री की मंगलवार को काशीपुर में प्रस्तावित जनसभा का किसानों ने कड़ा विरोध किया है। किसानों से अब और शांति की उम्मीद सरकार न करे। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार सुबह सैकड़ों की संख्या में किसान काशीपुर नवीन मंडी में एकत्र हुए। किसानों ने रुद्रपुर पहुंचकर कलक्ट्रेट का घेराव करने की घोषणा की। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री का काशीपुर आने पर कड़ा विरोध होगा।
आपको बता दें कि यूपी के उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य लखीमपुर खीरी में विकास योजनाओं का शिलान्यास करने पहुंचे थे। उनका हेलीकॉप्टर न उतरे, इसलिए किसानों ने हेलीपैड कब्जा लिया था। इस कारण मौर्य सड़क मार्ग से खीरी पहुंचे। दोपहर 12 बजे शिलान्यास हुआ। इसके बाद मौर्य को दंगल का उद्घाटन करना था। रास्ते में तिकुनिया में किसान बड़ी संख्या जमा थे, तो मौर्य का रूट बदल दिया गया। यहीं पर मंत्री के बेटे और किसानों में विवाद शुरू हुआ। मौर्य के कार्यक्रम में शामिल होने आशीष मिश्र भी काफिले के साथ तिकुनिया मार्ग से जा रहे थे। विद्युत उपकेंद्र के पास जमा किसानों और आशीष के बीच झड़प हो गई। किसान नेताओं का आरोप है कि आशीष ने उन पर गाड़ी चढ़ा दी। इससे सात किसानों की मौत हो गई। इसके बाद किसानों ने काफिले पर धावा बोल दिया और गाड़ियों में आग लगा दी।
जितेंद्र सिंह जीतू ने कहा कि सात किसान शहीद हो गए और दर्जनों घायल हैं। ऐसे में यह अपनी रैलियां करेंगे। इनको बिल्कुल रैली नहीं करने दी जाएगी। टेंट उखाड़ कर फेंक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऊधमसिंह नगर में ऐसी स्थिति बनने से प्रशासन रोके। अभी से मुख्यमंत्री की रैली को कैंसिल करवा लिया जाए, वरना किसानों से बुरा कोई नहीं होगा।किसान हजारों की संख्या में ट्रैक्टर ट्राली लेकर आएंगे और हेलीपैड में घुसा देंगे। फिर यह न कहे कोई कि बताया नहीं। किसानों में बहुत गुस्सा है। उनसे और ज्यादा शांति की उम्मीद न की जाए। उन्होंने कहा कि यह बात वह जिम्मेदार नागरिक होने के नाते कह रहे हैं। इस बयान को सरकार चेतावनी के रूप में ले और मुख्यमंत्री का कार्यक्रम निरस्त कराया जाए।