वॉशिंगटन। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन अब भी भारतीय उपमहाद्वीप के लिए खतरा बने हुए हैं। पाकिस्तान इस मसले पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। यह बात अमेरिका ने दिसंबर 2017 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बुधवार को कही। इसके बाद ही अमेरिका ने पाकिस्तान की आर्थिक सैन्य मदद रोकने का फैसला किया था।
रिपोर्ट अगस्त से दिसंबर 2017 के बीच तैयार की गई
सूत्रों का कहना है कियह रिपोर्ट अगस्त से दिसंबर 2017 के बीच तैयार की गई। अमेरिका का मानना है कि हक्कानी नेटवर्क समेत अन्य आतंकी ग्रुप पाकिस्तान में लगातार सक्रिय हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अल-कायदा काफी हद तक खत्म हो चुका है, जिससे उसका वैश्विक नेतृत्व और भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा के क्षेत्रीय सहयोगी लगातार कमजोर हुए हैं।
आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं
बता दें कि पाकिस्तान आधारित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा उपमहाद्वीप में लगातार आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2017 में अमेरिका के चिंता जताने के बावजूद पाकिस्तान ने आतंकियों से निपटने के लिए कोई योजना तैयार नहीं की थी। पाकिस्तान ने अपने नेशनल एक्शन प्लान में कहा था कि वे अपने देश में किसी भी तरह की आतंकी कार्रवाई को पनपने नहीं देंगे। इसके बावजूद पाकिस्तानी धरती से चलने वाले कई आतंकी संगठनों ने 2017 में दूसरे देशों में हमले किए।
पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान जैसे संगठन पर कार्रवाई की
वहीं रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान जैसे संगठन पर कार्रवाई की। साथ ही, अफगानिस्तान सरकार और अफगान तालिबान के बीच राजनीतिक सुलह के लिए पाकिस्तान सरकार ने कदम उठाए। अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद पर संतोषजनक कार्रवाई नहीं की। पाकिस्तान ने लश्कर के सरगना हाफिज सईज को जनवरी 2017 में गिरफ्तार किया, लेकिन पाकिस्तान की अदालत ने नवंबर 2017 में उसे रिहा कर दिया।