नई दिल्ली। किसान आंदोलन को लगभग दो महिने को समय होने को है लेकिन किसान अभी भी दिल्ली बाॅर्डर डटे हुए हैं। बुद्धवार को हुई 10वें दौर की वार्ता में सरकार की तरफ से नर्मी दिखाई दी या यूं कहें कि सरकार अब किसानों के आगे झुकती हुई दिखाई दे रही है। आपको बता दें कि सरकार ने कहा है कि हम कोर्ट में एफिडेविट देकर क़ानून को 1.5-2 साल तक होल्ड पर रख सकते हैं। वहीं किसानों का कहना है कि हम 500 किसान संगठन हैं, कल हम सबसे चर्चा करके 22 जनवरी को अपना जवाब देंगे।
इसी के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कई दौर की नरम गरम चर्चा हुई है सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि डेढ़ साल तक कानून रोकने को राजी है सरकार और अब अगली बैठक 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे होगी। कृषि मंत्री बोले कि किसान यूनियन के नेताओं ने कहा है कि सरकार के प्रस्ताव पर कल हम अपने नेताओं के साथ विचार करेंगे और 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक में आएंगे और आपको निर्णय से अवगत कराएंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज हमारी कोशिश थी कि कोई निर्णय हो जाएण् किसान यूनियन कानून वापसी की मांग पर थी और सरकार खुले मन से कानून के प्रावधान के अनुसार विचार करने और संशोधन करने के लिए तैयार थीण् उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार कानूनों को स्थगित किया हैण् सरकार 1.5-2 साल तक भी कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए तैयार हैण् इस दौरान किसान यूनियन और सरकार बात करें और समाधान ढूंढे।
सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक निश्चित समय के लिए कानून पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हो। वहीं किसान संगठन कल बैठक करेंगे, उसके बाद 22 जनवरी को होनी वाली वार्ता में जवाब देंगे।