संसद के शीतकालीन सत्र का आज 18वां दिन है। राज्यसभा में सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने से जुड़ा 124वां संविधान संशोधन बिल पेश किया गया है। मंगलवार को लंबी चर्चा के बाद हुई वोटिंग से इस बिल को लोकसभा में पारित कर दिया गया था। बिल के समर्थन में 323 वोट पड़े जबकि 3 सदस्यों ने बिल का विरोध किया। बिल पारित होने के लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई है। फिलहाल राज्यसभा में 124वां संविधान संशोधन बिल पर चर्चा जारी है। इसी कड़ी में कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार को अभी इस बिल में कई बाधाओं का सामना करना है, क्योंकि यह संविधान का अपमान करने की एक सोची-समझी साजिश है।
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उक्त बिल पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि सरकार यह बिल कभी भी ला सकती थी, लेकिन सरकार का लक्ष्य आर्थिक रूप से गरीब सवर्ण नहीं बल्कि 2019 का लोकसभा चुनाव है। अगर सरकार ईमानदारी से इस बिल लाती तो आरक्षण को 3-4 साल पहले यह बिल आ जाता। रामगोपाल यादव ने कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट की बड़ी पीठ के खिलाफ है। कोर्ट इसे अपहोल्ड भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि नौकरियां हैं नहीं, ऐसे में कुछ दिनों बाद आरक्षण की बात भी बेमानी हो जाएगी।
वहीं कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि नौकरी लगातार कम हो रही हैं। पीएसयू में तीन साल के दौरान 97 हजार नौकरियां चली गई हैं। राज्यों के आंकड़े अगर सरकार देगी तो बेहतर होगा। शर्मा ने कहा कि लोगों के अनुसार नौकरियां देने में शायद 800 साल लग जाएंगे। देश के लोगों को आप इतना बड़ा सपना दिखा रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है। विकास की परिधि से बाहर रह गए लोगों को जोड़ना सरकारों का धर्म है, इस विषय पर विस्तार से चर्चा होने की जरूरत थी। इसके लिए समाज के लोगों से भी बात की जानी चाहिए थी।
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आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार को अभी इस बिल में कई बाधाओं का सामना करना है, क्योंकि यह संविधान का अपमान करने की एक सोची-समझी साजिश है। वहीं दूसरी ओर शर्मा ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोरों के लिए आरक्षण की बात यूपीए के दौरान भी चली थी। आपको चार साल सात महीने क्यों लग जब आप आखिरी सत्र में यह बिल लेकर आ रहे हैं।
शर्मा ने हाल ही में भाजपा को मिली तीन राज्यों में हार से आरक्षण के फैसले को जोड़ते हुए कहा कि सच यह है, तीन राज्यों ने बीजेपी को आशीर्वाद देकर भेजा है, क्रिकेट सीरीज इंडिया ने जीती लेकिन आप 5-0 से चुनाव हार गए। शर्मा ने कहा कि राज्यों ने छोटा संदेश दिया है, बड़ा संदेश भी कुछ महीनों बाद आएगा। उन्होंने कहा कि हम सामान्य वर्ग के आरक्षण का समर्थन करते आए हैं और अब भी करते हैं। आपको बता दें कि सीपीएम सांसद ने नियम 117 के तहत आरक्षण बिल पर चर्चा को स्थगित करने की मांग की है। हालांकि सभापति ने सांसद की इस मांग को खारिज कर दिया है।