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नीतीश ने कहा- ‘पहले मैं नोटबंदी का समर्थक था, लेकिन कितनों को फायदा हुआ?’ तेजस्वी बोले ‘जल्द ही इसे सबसे बड़ा घोटाला भी करार देंगे’

nitish tejashwi नीतीश ने कहा- 'पहले मैं नोटबंदी का समर्थक था, लेकिन कितनों को फायदा हुआ?' तेजस्वी बोले 'जल्द ही इसे सबसे बड़ा घोटाला भी करार देंगे'

प्रधानमंत्री मोदी के नोटबंदी के फैसले को पूरा समर्थन करने के बाद अब नीतीश कुमार इसकी विफलता का जिम्मेदार बैंकों को ठहरा रहे हैं। 26 मई को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि बैंकों की भूमिका के कारण नोटबंदी का लाभ जितना लोगों को मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिल पाया। उनके इस बयान पर अब बिहार में जदयू के मुख्य विपक्षी दल राजद के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव चुटकी ले रहे हैं।

 

nitish tejashwi नीतीश ने कहा- 'पहले मैं नोटबंदी का समर्थक था, लेकिन कितनों को फायदा हुआ?' तेजस्वी बोले 'जल्द ही इसे सबसे बड़ा घोटाला भी करार देंगे'

 

बतां दें कि मुख्यमंत्री पटना में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति द्वारा आयोजित 64वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि “देश में विकास के लिए जो धनराशि सरकार मुहैया कराती है, उसके सही आवंटन के लिए बैकों को अपने तंत्र सुदृढ़ करने होंगे। बैंक ‘ऑटोनोमस’ है, ऊपर से नीचे तक इन चीजों को देखना होगा।”

 

सीएम ने कहा, ‘मैं पहले नोटबंदी का समर्थक था लेकिन इससे फायदा कितने लोगों को हुआ? कुछ लोग अपना पैसा एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर ले गए।’ उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में बैंकों की बड़ी भूमिका है। बैंकों का काम सिर्फ जमा, निकासी और लोन देना ही नहीं रह गया है, बल्कि एक-एक योजना में बैंकों की भूमिका बढ़ गई है। उन्होंने कहा, ‘बिहार के लोगों में कर्ज लेने की आदत ज्यादा नहीं है, जो लेना भी चाहते हैं, उसके बैंकों ने कड़े मापदंड तय कर रखे हैं। उसमें उन्हें काफी परेशानी होती है।’

 

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वर्तमान बैंकिंग व्यवस्था पर व्यंग्य करते हुए कहा कि जहां एक लाख से पांच लाख के क़र्ज़ मांगने वालों के लिए पूरी व्यवस्था काफी जटिल होती हैं, वही हज़ारों करोड़ रुपये का कर्ज लेकर लोग यूं ही देश से भाग जाते हैं। उनके इस कमेंट से साफ है कि यह टिप्पणी उन्होंने नीरव मोदी के परिपेक्ष्य में की है।

 

कर्ज के संबंध में नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों के बारे में बैंकों को यह कहकर आश्वत किया कि यहां लोग कर्ज को सही नहीं मानते हैं। जो पैसा लेता है वो पचाना नहीं, बल्कि लौटाना चाहता है। नीतीश ने सभी बैंकों से बिहार में क्रेडिट डिपोजिट अनुपात को पचास प्रतिशत से अधिक करने की अपील की। गौरतलब है कि नीतीश ने नौटबंदी के मुद्दे पर अपनी पार्टी के बड़े तबके के विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन जारी रखा था। ये भी माना जाता है कि दोंनों के बीच पिछले साल साथ आने की जड़ में भी इस मुद्दे की अहम भूमिका थी।

 

अब पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के इस बयान पर चुटकी लेते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री नोटबंदी का समर्थन किया था, लेकिन वही अब उस पर सवाल उठा रहे हैं और जल्द ही वह नोटबंदी को भारत का सबसे बड़ा घोटाला करार देंगे।

 

राजद नेता ने ट्वीट कर कहा, “हमारे प्यारे नीतीश चाचा ने एक और यू-टर्न ले लिया है।” उन्होंने ट्विटर पर कहा, “उन्होंने (नीतीश कुमार) नोटबंदी का समर्थन किया था, लेकिन अब वह सवाल उठा रहे हैं। वह मुद्दे, आम लोगों की मुश्किलों और मांगों को समझने में हमेशा सालों पीछे रहे हैं। चौंकिएगा मत, अगर वह नोटबंदी को भारत का सबसे बड़ा घोटाला करार दे दें।”

 

 

 

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