पटना। देश की राजनीति में आए दिन सरगर्मियां तेज होती रहती हैं। राजनीतिक पार्टियों द्वारा मौका मिलते ही निशाना साधने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। ऐसा ही कुछ बिहार में देखने को मिल रहा है, जहां आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव पर उनके द्वारा लिखे गए पत्र को लेकर निशाने साधे जा रहे हैं। उन्हें अपने पिता लालू प्रसाद यादव को छुड़ाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक आजादी पत्र लिखकर सोमवार से अभियान की शुरूआत कर दी है, लेकिन उनके पत्र में गलतियां होने के कारण विपक्ष ने उन्हें घेर लिया। जिसके बाद वो लगातार विपक्ष के निशाने पर दिखाई दे रहे हैं।
तेज प्रताप के पत्र में निकली 6 गलतियां-
बता दें कि आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने अपने बीमार पिता लालू प्रसाद यादव की रिहाई की मांग को लेकर एक अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत तेज प्रताप ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लालू यादव की रिहाई के बाबत पार्टी कार्यकर्ताओं और लालू समर्थकों द्वारा लिखे गए 2 लाख आजादी पत्र सौंपने का टारगेट रखा है। जिसके चलते सोमवार को इस अभियान की शुरूआत तेज प्रताप ने राष्ट्रपति को आजादी पत्र लिखकर कर दी है। जिसके बाद उनके पत्र को लेकर विवाद शुरू हो गया। विवाद इस बात का है कि राष्ट्रपति को लिखे गए पोस्टकार्ड में तेज प्रताप ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव का नाम तक सही नहीं लिखा है। तेज प्रताप यादव ने अपने पत्र में आदरणीय श्री लालू प्रसाद जी के बदले आपरणीय श्री लालु प्रसाद जी लिख दिया है। सिर्फ लालू ही नहीं, इसके अलावा भी और कई गलतियां हैं। जैसे मसीहा को मसिहा लिखा गया है। इसी तरह मूल्य को मुल्य, गरीबों को गरीवों और वंचित को बंचित लिखा गया है।
षड्यंत्र के तहत झूठे मुकदमे में फंसाया गया- तेज प्रताप यादव
इसके साथ ही तेज प्रताप यादव का कहना है कि बीमार लालू यादव को षड्यंत्र के तहत झूठे मुकदमे में फंसाया गया। साजिश के तहत आज तक उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है। इस केस में जितने लोग थे सबको बेल मिल गया है। लेकिन मेरे पिता जिन्होंने गरीब की आवाज बनने का काम किया, जन-जन को आवाज दी उन्हें बंधक बना कर रखा गया।