लखनऊ। कोरोना के मरीजों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि लखनऊ में श्मशान घाटों पर शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए 10-10 घंटे की वेटिंग चल रही है। ये वेटिंग दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है।
लखनऊ में भैसाकुंड और गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार होते हैं। ये दोनों ही घाट इन दिनों बनारस के मणिकर्णिका घाट बने हैं। जैसे मणिकर्णिका घाट पर 24 घंटे अंतिम संस्कार होते हैं वैसे ही इन दोनों जगहों पर भी 24 घंटे लगातार चिताएं जल रही हैं। इस बीच भैसाकुंड पर एक साथ दर्जनों लाशों से उठती आग की लपटों का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
देखते ही देखते ही यह विडियो ट्रेंड करने लगा। नेशनल मीडिया ने इस पर चर्चा शुरू कर दी। सोशल मीडिया पर लोग इसको शेयर करने लगे। लखनऊ प्रशासन की किरकिरी होने लगी। इस बीच लखनऊ प्रशासन पर आरोप लगने लगा कि भैसाकुंड और गुलाला घाट पर अव्यवस्थाओं से लोग आजिज हैं।
मौतों का आंकड़ा छिपाने का आरोप
इस बीच शासन पर मौतों के आंकड़ों को छिपाने के भी आरोप लगने लगे। प्रशासन द्वारा जारी मौतों के आंकड़ों और श्मशान घाट पर होते अंतिम संस्कारों की संख्या में जमीन आसमान का अंतर दिखाई दे रहा है। इन आंकड़ों को लेकर नगर निगम और शासन आमने सामने हैं।
जलती चिताएं लोग देख ना सकें, लगा दिया शेड
विडियो वायरल होने के बाद नगर निगम ने भैसाकुंड के पास सड़क के उपर से शेड लगाकर उसको ढंकवा दिया। क्योंकि विडियो वायरल होने के बाद न सिर्फ शासन की आलोचना हो रही थी बल्कि एक दहशत भी बढ़ रही थी।
अनावश्यक दहशत को रोकने लिए लिया निर्णय
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि भैसाकुंड बैकुंठ धाम के किनारे शेड इसलिए लगाए गए हैं ताकि लोग उधर से आते जाते विडियो न बना सकें। इससे समाज में एक दहशत फैल रही है। लोग अनावश्यक रूप खौफजदा हो रहे हैं। इससे इन सब पर रोक लगेगी। उन्होंने बताया कि साथ ही वहां पर निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह से लोगों के बीच अनावश्यक सूचनाएं प्रेषित ना हों।