पृथ्वी पर एक नया खतरा सामने आ सकता है। जानकारी के मुताबिक आज नया सौर विस्फोट धरती से टकराने की तैयारी में है। जिसकी वजह से बुधवार और गुरुवार को भू-चुंबकीय तूफान आने की आशंका है। बता दें इसे 1 सप्ताह पहले भी कुछ इसी प्रकार का एक तूफान आया था। लेकिन राहत की बात यह है कि इस कोई बड़ा असर सामने नहीं आया।
भू-चुंबकीय तूफान से जुड़ी जानकारी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एज्युकेशन एंड रिसर्च के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्पेस साइंसेस द्वारा साझा की गई है। इस जानकारी के मुताबिक 6 फरवरी को सूर्य के दक्षिण में एक फिलामेंट विस्फोट देखा गया था। SOHO LASCO ने पाया कि इसके तुरंत बाद एक आंशिक प्रभामंडल CME लॉन्च किया जा रहा है।
//CESSI SPACE WEATHER BULLETIN//07 FEB 2022//SUMMARY: NOMINAL SPACE WEATHER// A filament eruption was observed on the Sun south of disk center on 06 FEB. SOHO LASCO detected a partial halo CME being launched soon thereafter.
+ pic.twitter.com/0o5Z0QjSRH— Center of Excellence in Space Sciences India (@cessi_iiserkol) February 7, 2022
सीईएसएस अगले ट्वीट में कहा है कि धरती पर 9 फरवरी को भारत किस समय अनुसार 11:18 से लेकर 10 फरवरी दोपहर 3:23 पर माध्यम स्तर पर भू-चुंबकीय तूफान आने की आशंका है।
इस भूत चुंबकीय तूफान की क्षमता साडे 400 से 615 किलोमीटर प्रति सेकंड हो सकती हैं। हालांकि संभावना यह भी है कि इसका असर ज्यादा खतरनाक नहीं होगा। वही सौर तूफान के कारण भू-चुंबकीय गतिविधियां अधिक तेजी हो सकती हैं।
Our DBM model fit indicates very high probability of Earth impact with modern speed in the range 451-615 km/s with arrival time uncertainty ranging from 9 FEB 05:48 UT to 10 FEB 09:53 UT. The impact is unlikely to be very hazardous. Moderate geomagnetic storms are likely. pic.twitter.com/NxtN0ZpCja
— Center of Excellence in Space Sciences India (@cessi_iiserkol) February 7, 2022
संचार तंत्र में आ सकती है दिक्कत
भू-चुंबकीय तूफान की वजह से संचार तंत्र यानी प्रसारण, रेडियो नेटवर्क आदि जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. बता दें धरती पर सारे तूफान का सबसे भयावह स्वरूप 1989 में देखा गया था तब सौर तूफान की वजह से कनाडा के हाइड्रो-क्यूबेक इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन संयंत्र करीब 9 घंटे के लिए ब्लैक आउट हो गया था।
भू चुंबकीय तूफान क्या है?
अधिकतर लोगों को यह नहीं पता कि आखिर भू-चुंबकीय तूफान होता क्या है? आपको बता दें भू-चुंबकत्व की वजह से पृथ्वी पर चुंबकीय क्षेत्र में बड़ा बदलाव आता है। और जब सूर्य से आने वाले अवशेष कण पृथ्वी की सतह के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं तब भू-चुंबकीय तूफान आता है।