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कोरोना काल में टीम इंसानियत का समाज को संदेश, कई शवों का कराया अंतिम संस्कार

कोरोना काल में टीम इंसानियत का समाज को संदेश, कई शवों का कराया अंतिम संस्कार

लखनऊ: मानवता का जीता जागता उदाहरण कई बार हमारे सामने मिल जाता है। ऐसा ही दृश्य लखनऊ में देखने को मिल रहा है, जहां 15 लोगों की इंसानियत समाज के लिए बड़ी नसीहत साबित हो रही है। महामारी के दौर में दूसरों की मदद करने में यह किसी से पीछे नहीं है।

100 शवों का कराया अंतिम संस्कार

15 लोगों की एक टीम ने समाज में मिसाल के तौर पर खुद को प्रस्तुत किया है। टीम इंसानियत के यह लोग महामारी की मार झेल रहे परिवारों की मदद के लिए सामने आए। शमशान ले जाने के लिए कई ऐसे शव, जिनको एंबुलेंस नहीं मिल रही थी। उन्हें इन लोगों ने सुविधा उपलब्ध करवाई। खबरों के अनुसार 25 अप्रैल से 28 मई के बीच में इस टीम ने 100 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार करवाया।

अंतिम यात्रा में शामिल होना इन दिनों आसान नहीं है। माहौल यह है कि लोग जीते जी अपने लोगों का साथ छोड़ रहे हैं। ऐसे में टीम इंसानियत के लोग मृतक शव को भी अंतिम यात्रा तक ले जाने का काम कर रहे हैं। यह सभी लोग ना सिर्फ श्मशान घाट तक शव पहुंचाते हैं, बल्कि अंतिम यात्रा में भी शामिल होते हैं। नौजवानों का यह हौसला सच में सलाम करने लायक है।

जाति धर्म से ऊपर उठकर होती है मदद

टीम इंसानियत में कुल 15 युवा शामिल हैं, जिसमें 13 लोग मुस्लिम हैं। लेकिन यह लोग मानवता के इस नेक काम को करने में जाति धर्म से ऊपर उठकर आगे आए हैं। सभी पीड़ित परिवार की मदद कर रहे हैं और उनके सुख-दुख को बांट रहे हैं। नौजवानों की इस टीम ने लखनऊ के मेडिकल कॉलेज, लोहिया अस्पताल और अन्य प्रमुख अस्पतालों से शवों को ले जाकर बैकुंठ धाम और गुलाला घाट में अंतिम संस्कार करवाया।

इतना ही नहीं, इन लोगों ने एक मेडिकल क्लीनिक भी शुरू किया है। जहां कोविड मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाता है। यह सुविधा मल्हौर में टीम इंसानियत द्वारा शुरू की गई है। इस निशुल्क क्लीनिक में कोई भी आकर अपना इलाज करवा सकता है और परामर्श ले सकता है। यहाँ दवाइयां भी निशुल्क ही उपलब्ध करवाई जाती है।

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