2019 के आम चुनाव से सिर्फ एक साल पहले तेलुगु देशम पार्टी ने एनडीए से गठबंधन तोड़ दिया है। मोदी सरकार से नाराजगी के चलते टीडीपी के दो सदस्य पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं और अब 16 सदस्यों वाली टीडीपी ने साथ छोड़ दिया है। प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने के कारण चन्द्रबाबू नायडू की अगुआई वाली टीडीपी और अन्य स्थानीय पार्टियां केंद्र सरकार से काफी नाराज़ हैं। जिसके चलते टीडीपी ने अन्याय के रुप में देखते हुए मोदी सरकार के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव चलाया है, जिसमें कांग्रेस, सीपीआई-एम और एआईएमआईएम समेत कई विपक्षी दलों ने प्रस्ताव के लिए अपना समर्थन दिया है।
पार्टी सदस्यों के साथ टेलीकांफ्रेंस करने के बाद चंद्रबाबू नायडू द्वारा गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया गया है। टीडीपी के पोलित ब्यूरो ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है। साथ ही पार्टी ने शुक्रवार को नोन-ट्रस्ट प्रस्ताव जारी करने के लिए नोटिस भी जारी किया है। गुरूवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने वाई.एस.आर. कांग्रेस अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी के केन्द्र के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने का ऐलान किया था। केंद्रीय मंत्री पी अशोक गजापति राजू और वाई एस चौधरी ने पी एम मोदी से एपी पुनर्गठन अधिनियम, 2014 पर मीटिंग के बाद इस्तीफा दे दिया था। राजू मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री और साइंस एंड टेक्नोलॉजी का कार्यभार संभाल रहे थे।
टीडीपी की क विज्ञप्ति के मुताबिक पार्टी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और अन्य निर्वाचक व्यक्तियों को अपने निर्णय की सूचना देने के लिए पत्र लिखेगी। केंद्र सरकार ने ना केवल आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी दर्जा देने से इंकार कर दिया, बल्कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने ऐसी किसी भी तरह की संभावना को स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया।
1. अविश्वास प्रस्ताव को सीपीआई-एम और एआईएमआईएम का समर्थन: कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्कसिस्ट) के सीताराम येचुरी ने अविश्वास प्स्ताव करने का फैसला किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘सीपीआई-एम बीजेपी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करता है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के वादे का यह विश्वासघात अमानवीय है। संसदीय जवाबदेही की इसकी सारी विफलता चोरी को हाइलाइट करने की आवश्यकता है।’
Bifurcation promises are not yet fulfilled. Had special status been included in the Act in then Lok Sabha then, this situation would have not arisen: Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu in state assembly pic.twitter.com/ITMyrRushW
— ANI (@ANI) March 16, 2018
We’ve quit NDA. I took the decision, not for selfish reasons,but for interests of AP. For 4-years I made all efforts, went to Delhi 29 times,asked many times. This was centre’s last budget & there was no mention of AP,we had to pull our ministers out of cabinet: AP CM in assembly pic.twitter.com/zRtLdV5CgF
— ANI (@ANI) March 16, 2018
ऑल इंडिया मजिलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमिन पार्टी अध्यक्ष असउद्दीन औवेसी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया, ‘एमआईएम पार्टी आज लोकसभा में कोई विश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगी, न केवल मोदी सरकार द्वारा राज्य पुनर्गठन कानून को लागू करने में विफलता के लिए, बल्कि युवाओं को रोजगार मुहैया कराने और मुस्लिम महिला और अल्पसंख्यकों को अन्याय के लिए अपने वादे को पूरा करने में विफलता के लिए भी करेगी।’
2. सर्वसम्मति से टीडीपी ने बीजेपी से किया वाकआउट: टीडीपी के राज्य सभा सांसद वाई एस चौधरी न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा, ‘हमारी पार्टी एनडीए के साथ अपना गठबंधन तोड़ चुकी है।’पार्टी के पोलित ब्यूरो ने टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के साथ शुक्रवार को हुए एक टेलीरोकोंफ्रेंस के दौरान यह फैसला लिया है।
3. टीडीपी ने मोदी सरकार के खिलाफ जारी किया अविश्वास प्रस्ताव: शुक्वार को तेलुगु देशम पार्टी ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जारी किया है, जो केंद्र सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा तोड़ने के बाद पेश किया गया है।
नायडू ने टीडीपी सांसद थोटा नरसिंहम को इस संबंध में लोकसभा सचिवालय को नोटिस भेजने का निर्देश दिया। नरसिंहम ने लोकसभा सचिव स्नैहलाता श्रीवास्तव को एक पत्र में कहा, “यह सभा मंत्रिपरिषद में कोई विश्वास नहीं व्यक्त करती है।” उन्होंने यह भी लिखा, “लोकसभा में प्रक्रिया के नियमों और आचरण के नियमों के अध्याय 17 के नियम 198 (बी) के तहत, मैं इसके तहत सदन में 16 मार्च की सदन में निम्नलिखित प्रस्ताव को स्थानांतरित करने का नोटिस देता हूं।”
4. वाईएसआर कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव जारी किया: नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ आंध्र प्रदेश में राजनीतिक दलों के साथ खुद को राज्य के हित के एकमात्र प्रमोटर्स के तौर पर खड़ा करने के लिए, खासकर राज्य के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा हासिल करने की कोशिश में, टीडीपी के प्रतिद्वंदी वायएसआर कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। अविश्वास पत्र को केवल तब ही संसद में पास किया जा सकता है जब कम से कम 50 सदस्य इसका समर्थन करें। वायएसआर के लोकसभा में 9 सदस्य हैं, इसलिए पार्टी ने अन्य विपक्षी दलों से इसका सपोर्ट करने की अपील की है।
Letter of YSR Congress Party MP YV Subba Reddy to Lok Sabha Secretary-General for moving motion on ‘No-Confidence in the Council of Ministers’ in the house. pic.twitter.com/FADQCKVOig
— ANI (@ANI) March 16, 2018
5. कांग्रेस ने अविश्वास पत्र का किया समर्थन: आंध्र प्रदेश में वायएसआर कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष एन रघुवीर रेड्डी ने न्यूज़ एजेंसी से कहा कि पार्टी तेलुगु देशम पार्टी की तरफ से केंद्र सरकार की तरफ से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करती है।
Letter of YSR Congress Party MP YV Subba Reddy to Lok Sabha Secretary-General for moving motion on ‘No-Confidence in the Council of Ministers’ in the house. pic.twitter.com/FADQCKVOig
— ANI (@ANI) March 16, 2018
6. बीजेपी को बताया ‘ब्रेक जनता प्रोमिस’ का प्रतीक: एनडीए से बाहर निकलने के बाद, टीडीपी के नेताओं सीएम रमेश, थोटा नरसिंहमन और रवींद्र बाबू ने कहा कि भाजपा “ब्रेक जनता प्रोमिस” का प्रतीक है।
7. ‘भाजपा के लिए टीडीपी से बाहर निकलने का अवसर’: भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि एनडीए से टीडीपी का बाहर निकलना “केंद्र के खिलाफ उनके उपद्रवी प्रचार के बाद अपरिहार्य था” और उन्होंने जोर दिया कि आंध्र प्रदेश में भगवा पार्टी के विकास के लिए भाजपा का गठबंधन बाहर निकलना एक अच्छा अवसर है।” बीजेपी के प्रवक्ता जी वी एल नरसिंह राव ने ट्वीट में कहा, “टीडीपी को छोड़ने का फैसला केंद्र के खिलाफ उसके उपद्रवी प्रचार के बाद अनिवार्य था।आंध्र प्रदेश के लोग अब महसूस कर चुके हैं कि तेलगु देशम पार्टी अपने अयोग्य और निष्क्रिय शासन को कवर करने के लिए झूठ का सहारा ले रही है। आंध्र प्रदेश में भाजपा के विकास के लिए यह एक अच्छा अवसर है।”
8. ममता बनर्जी ने टीडीपी के कदम का किया आह्वान: ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनडीए से अलग होने के टीडीपी के फैसले का आह्वान किया है। बनर्जी ने कहा कि ‘वर्तमान स्थिति’ में यह कार्रवाई देश को भविष्य की आपदा से बचाने के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, उन्होंने “अत्याचार, आर्थिक आपदा और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ एक साथ मिलकर काम करने के लिए विपक्ष में सभी राजनीतिक दलों से” अपील की।
9. भाजपा ने आंध्र को दिया धोखा: टीडीपी और केंद्र के बीच चल रही लड़ाई के दौरान एक सामान्य विषय यह रहा है कि केंद्र अपने शब्दों से पीछे हट गया है और राज्य के लोगों को धोखा दिया गया है। आंध्र प्रदेश के मंत्री केएस जवाहर ने संवाददाताओं से कहा, “भाजपा ने तेलुगु लोगों को धोखा दिया है, इस बार भी वे ऐसा करने में सफल हुए हैं, हम संसद में अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाएंगे।”
10. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि भाजपा ने उनके और टीडीपी के खिलाफ ‘लोगों को उकसाया’: प्रधान मंत्री मोदी और भाजपा पर हमला करते हुए एन चंद्रबाबू नायडू ने उनके और टीडीपी के खिलाफ “अन्य लोगों को उकसाने” का आरोप लगाया। नायडू ने कहा, ‘चूंकि यह हमारे लिए कुछ भी नहीं कर सकी है, इसलिए भाजपा दूसरों को उकसा रही है और तमिलनाडु जैसे आंध्र राजनीति में हस्तक्षेप करने की कोशिश करती है। अगर नरेंद्र मोदी या एनडीए सरकार हमारे खिलाफ दूसरों को भड़काती है तो क्या मुझे डरपोक की तरह ड़रना चाहिए?’