नई दिल्ली। आज के समय में देश में मौजूद हर कंपनी अपने को अधिक विकसित करने में लगी हुई है। इसके साथ ही सभी कंपनियों में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी हुई है। इन दिनों देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट कंपनी टीसीएस की चर्चा चल रही हैं। टीसीएस 11 लाख करोड़ रुपये का मार्केट कैपिटलाइजेशन को पार करने वाली दूसरी कंपनी बन गई है। सोमवार को इंट्रा डे ट्रेडिंग के दौरान कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 11 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया। सोमवार को इसका शेयर 2949 रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। कंपनियां आगे बढ़ने की होड़ में दिनरात एक कर रही हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से कंपनियों की ओर से डिजिटल और क्लाउड प्लेटफॉर्म को अपनाने में आई तेजी का फायदा टीसीएस को मिला है।
टीसीएस नई टेक्नोलॉजी अपनाने में भी आगे रही-
बता दें कि अगस्त,2004 को लिस्ट हुई टीसीएस का मार्केट कैपिटलाइजेशन उस वक्त 47,200 करोड़ रुपयें एक लाख करोड़ रुपये का मार्केट कैपिटलाइजेशन को इसने दो साल में पूरा कर लिया था। कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन को पांच लाख लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने में दस साल लगे थे। जुलाई 2014 में यह पांच लाख करोड़ रुपये की कंपनी बन गई थी। सोलह साल बाद 5 अक्टूबर, 2020 को यह दस लाख करोड़ रुपये की कंपनी बन गई थी। टीसीएस ने हाल में शेयर बाई बैक का अभियान चलाया था। हाल में रिलायंस इंडस्ट्रीज इसे पीछे छोड़ कर देश की नंबर एक कंपनी बन गई। अपने जियो प्लेटफॉर्म की ओर से बड़े पैमाने पर निवेशकों को आमंत्रित करने की वजह से यह नंबर एक कंपनी बन गई। अपनी कंपीटिटर कंपनियों की तुलना में टीसीएस की स्थिति मध्यावधि में अच्छी दिख रही है। टीसीएस नई टेक्नोलॉजी अपनाने में भी आगे रही है।