एजेंसी, देहरादून। देहरादून में हाउस टैक्स (भवन कर) दे चुका भवन स्वामियों को नए सिरे से कारपेट एरिया की जानकारी देनी होगी। इससे 2014 से बाद हुए निर्माण का पता लग सकेगा। अभी तक नगर निगम के रिकार्ड में 80 हजार भवनस्वामी पंजीकृत हैं।
नगर निगम में वर्ष 2014 से स्वयं कर मू्ल्यांकन प्रणाली लागू हुई थी। इसके बाद भवन स्वामियों को खुद अपने आवासीय और व्यावसायिक भवनों के कारपेट एरिया की जानकारी नगर निगम को देनी होती है। जिसके हिसाब से नगर निगम हाउस टैक्स तय करता है। वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 और 2018-19 वित्तीय वर्ष में नगर निगम पुरानी रसीद के आधार पर लोगों से टैक्स लेता आ रहा है। पुरानी रसीद में जितना टैक्स था, उतना ही टैक्स लिया जा रहा है।
अब एक अप्रैल से टैक्स की नई दरें लागू होनी हैं। इस बीच शहर में कई भवनों का विस्तार हुआ है। जबकि टैक्स पूर्व में बने भवन के आधार पर ही आ रहा है। इसलिए निगम अब भवन स्वामियों से पुरानी रसीद के आधार पर टैक्स नहीं लेगा। सभी को आवेदन करने के लिए कहा जाएगा। आवेदन में मौजूदा समय में भवन की जो स्थिति है, उसी के अनुसार कारपेट एरिया तय होगा।
निगम की कोशिश है कि वार्डवार आवेदन लोगों को दिए जाएं। अभी तक 80 हजार लोग टैक्स दे चुके हैं। जबकि 31 मार्च तक संख्या बढ़ सकती है। उप नगर आयुक्त सोनिया पंत का कहना है कि शासनादेश में चार साल बाद टैक्स बढ़ाने का प्राविधान है। पंजीकृत हाउस टैक्स धारकों से नए सिरे से कारपेट एरिया मांगा जाएगा।