अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ताउते ने कई राज्यों में तबाही मचाई। कमजोर पड़ने से पहले सोमवार देर रात गुजरात में दस्तक देने वाले चक्रवाती तूफान से भारी बारिश का सामना करना पड़ा और इस दौरान चली तेज रफ्तार आंधी आई। जिसके कारण भारी नुकसान हुआ। कई पेड़ और खंभे उखड़ गए, मकान गिर गए। तो वहीं मौसम विभाग का कहना है कि ताउते गुजरात के तट से “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर आधी रात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर फिर चक्रवाती तूफान में बदल गया।
गुजरात में 13 लोगों की मौत
तो वहीं दूसरी तरफ तूफान ने कई लोगों की बेघर कर दिया है कई की जान ले ली। प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 70 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए जबकि 5951 गांवों में बिजली चली गई। चक्रवात के कारण मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 13 का है। अधिकारियों ने कहा कि ताउते की तीव्रता भले ही कमजोर हो गई हो लेकिन यह अपने पीछे विनाश के निशान छोड़ गया है। वेरावल बंदरगाह के निकट चक्रवात के कारण समुद्र में फंसी मछली पकड़ने वाली नौका में सवार आठ मछुआरों को मंगलवार को तटरक्षक बल ने एक अभियान चलाकर सुरक्षित बचाया।
317 लोगों को सुरक्षित बचाया गया
वहीं, भारतीय नौसेना और तटरक्षक बलों ने ताउते के दस्तक देने से पहले मुंबई के निकट अरब सागर में फंसे दो बजरों में मौजूद 317 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, लेकिन 390 और लोग अब भी अब भी फंसे हुए हैं या लापता बताए जा रहे हैं। नौसेना के अधिकारी ने कहा कि 707 कर्मियों को ले जा रहे तीन बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार समुद्र में फंस गया था। इनमें 273 लोगों को ले जा रहा ‘पी305’ बजरा, 137 कर्मियों को ले जा रहा ‘गल कंस्ट्रक्टर’ और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे। साथ ही ‘सागर भूषण’ ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे। अधिकारी ने कहा कि अब तक गल कन्स्ट्रक्टर में मौजूद सभी 137 जबकि पी305 में मौजूद 273 में से 180 लोगों को बचा लिया गया है। लेकिन कुछ लोग अभी भी लापता हैं। जिनकी तलाश जारी है।