नई दिल्ली। वेब सीरीज तांडव को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। तांडव पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के खिलाफ देश के अलग अलग हिस्सों में इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। बुद्ध्वार को वेब सीरीज तांडव के निर्माताओं को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई है। सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि इस राहत के लिए हाईकोर्ट जाएं। वहीं वेब सीरीज तांडव के निर्माता, लेखक और अभिनेता के खिलाफ देश भर में दर्ज मामलों को आपस में जोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया। मामले पर अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।
बेजेपी के कई नेताओं से लेकर यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी विवादित सीन हटाने की मांग की थी। मामला तब तूल पकड़ा जब यूपी पुलिस ने तांडव के निर्माता के घर नोटिस चसपा कर दिया था। इस दौरान यूपी पुलिस और मुम्बई पुलिस के बीच झड़प की भी खबर आई थी। कई राज्यों में विरोध हो रहा है, निर्माताओं पर एफआईआर दर्ज करवाई जा रही हैं। इस बीच अमेजन प्राइम इंडिया की प्रमुख अपर्णा पुरोहित, निर्माता हिमांशु कृष्ण मेहरा, सीरीज के लेखक गौरव सोलंकी व एक्टर जीशान अयूब ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सीरीज के निर्माताओं ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
अभिव्यक्ति की आजादी अनंत नहीं-
सुनवाई के दौरान अभिनेता जीशान अयूब ने कहा, मैं एक अभिनेता हूं। मुझसे भूमिका निभाने के लिए संपर्क हुआ था। इस पर पीठ ने कहा, ‘आपकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं है। आप ऐसा किरदार नहीं निभा सकते हैं जो एक समुदाय की भावनाओं को आहत करता हो।’ बता दें कि वेब सीरीज के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का और एक धर्म का अपमान करने के आपराधिक मुकदमे दायर किए गए हैं। ये अपराध आईपीसी की धारा 153ए और 295 के तहत दंडनीय हैं।