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तमिलनाडु होगा मिशन 2019 के लिए विपक्षी गोलबंदी का केंद्र

karunanedhi तमिलनाडु होगा मिशन 2019 के लिए विपक्षी गोलबंदी का केंद्र

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नाई 2019 के लिए विपक्षी गोलबंदी का केंद्र बनेगा। डीएमके नेता और तमिलनाडु के पूर्व सीएम करुणानिधि के 94वें जन्मदिन के बहाने विपक्षी नेताओं की गोलबंदी चेन्नई में होगी। तमाम विपक्षी नेता इस मौके पर जमा हो रहे हैं। इसे 2019 से पहले मोदी के खिलाफ राष्ट्रीय महागठबंधन की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।

karunanedhi तमिलनाडु होगा मिशन 2019 के लिए विपक्षी गोलबंदी का केंद्र

जन्मदिन में शामिल होने वाले नेता

करुणानिधि के जन्मदिन के समारोह में विपक्षी कई विपक्षी नेता शामिल होंगे। जैसे- कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, नीतीश कुमार, सीताराम येचुरी, शरद पवार, फारुक अबदुल्ला समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता एक मंच पर मौजूद रहेंगे। बीजेपी को इसमें न्योता नहीं भेजा गया है। 94 वर्षीय करुणानिधी पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे हैं। उनके बेटे और सियासी वारिस एमके स्टालिन विपक्षी नेताओं के लिए लंच का आयोजन कर रहे हैं। ये कार्यक्रम ऐसे वक्त में हो रहा है जब विपक्षी नेताओं के बीच जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में साझा उम्मीदवार उतारने को लेकर चर्चा जारी है। लालू नहीं होंगे शामिलहालांकि, तबीयत खराब होने के कारण आरजेडी चीफ लालू यादव इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।

बता दें कि राजद अध्यक्ष के करीबी सहयोगी और विधायक भोला यादव ने बताया कि लालूजी को बुखार हो गया है और इस कारण से वह चेन्नई नहीं जा पाएंगे। पार्टी प्रवक्ता अशोक सिन्हा ने भी लालू के कल चेन्नई नहीं जा सकने के बारे में पुष्टि की। पिछले महीने द्रमुक सांसद कनिमोझी ने पटना में लालू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर जाकर मुलाकात की थीं, और 3 जून को द्रमुक नेता के 94 वें जन्मदिन पर आमंत्रित किया था, जिसे दोनों नेताओं ने स्वीकार किया था। लालू यादव से मुलाकात के दौरान राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती भी साथ में थीं।

क्यों बनाई लालू ने नीतीश से दूरी

हालांकि, लालू यादव के इस कार्यक्रम से दूर रहने को लेकर अटकलें भी लगने लगी हैं। क्या लालू नीतीश से दूरी बना रहे हैं। हाल में सोनिया गांधी की दिल्ली में मीटिंग से नीतीश कुमार दूर रहे थे। हाल में लालू के परिवार पर लगे आरोपों पर नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर केंद्र को लगता है कि गलत हो रहा है तो जांच क्यों नहीं कराते। इसके अगले दिन लालू के परिवारिक सदस्यों के ठिकानों पर छापे पड़े थे। इसके बाद बीजेपी ने नीतीश को लालू का साथ छोड़ कर आने का ऑफर दिया था। इसपर लालू के ट्वीट पर बवाल भी हुआ था।

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