नई दिल्ली। कर्ज के बोझ तले दबे तमिलनाडु के किसानों ने शनिवार को मूत्र पीकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया है। इससे पहले पीएमओ के सामने भी ये किसान प्रदर्शन कर चुके हैं, और आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी स्थिति को लेकर इन्हें मूत्र पीना पड़ा है। बता दें कि सूखे के चलते कर्ज के बोझ में दबे 100 किसान यहां 14 मार्च से प्रदर्शन कर रहे हैं।
कर्ज की माफी की दरकार लिए दक्षिण के किसान यहां जुटे हैं। इन किसानों में काफी संख्या में महिलाएं भी मौजूद हैं। उनका मानना है कि इस तरह से प्रधानमंत्री मोदी का ध्यान वो अपनी स्थिति को ओर आकर्षित कर सकते हैं। इससे पहले किसानों ने प्रदर्शन के दौरान घास खाई और साड़ियां पहनकर भी विरोध जताया।
मल खाने को भी हैं तैयार:-
मूत्र पीने के बाद अब ये किसान मल खाने को भी तैयार हैं इनका कहना है है कि अगर उनकी अब भी नहीं सुनी गई तो वो रविवार को मानव मल खाने की हद भी पार करेंगे।
महीने भर से प्रदर्शन है जारी:-
इन किसानों का प्रदर्शन पिछले एक महीने से जारी है। पीएमओ के सामने ये किसान नग्न भी हो चुके हैं। वो आत्महत्या कर चुके किसानों की खोपड़ियां भी साथ लेकर आए हैं। इरादा सिर्फ इतना है कि केंद्र सरकार उनकी समस्या का समाधान करे, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार:-
महीने की 13 तारीख को देश की सर्वोच्च अदालत ने भी किसानों की आत्महत्या के मामले को लेकर तमिलनाडु सरकार को फटकार लगा चुकी है। कोर्ट ने खुद इस बात को माना था कि किसानों की हालत बेहद चिंताजनक है। अदालत के मुताबिक ऐसे स्थितियों में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों का ख्याल रखे।
किसानों की दुर्दशा:-
दरअसल तमिलनाडु में किसानों की स्थिति इस वक्त वेहद ही चिंताजनक है सूखे के कारण उन्हें बेहद गंभीर परिस्थियों का सामना करना पड़ा रहा है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून और पूर्वोत्तर मानसून सामान्य से 60 फीसदी बरसा है। इसके साथ ही किसानों के ऊपर कर्ज का बोझ भी लगातार बढ़ाता ही जा रहा है। जिसकी वजह से वो सरकार से कर्ज माफी के साथ राहत पैकेज की भी मांग कर रहे हैं।
(नितिन गुप्ता)