मानसून में मौसमी बीमारियां बढ़ जाती हैं। मौसम में बदलाव होने पर हमारी इम्युनिटी भी बदलती है जिसकी वजह से एलर्जिक और वायरल संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी-खांसी जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां इस मौसम में आम हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरान हमें अपनी दिनचर्या में भी बदलाव कर लेना चाहिए ताकि सेहत दुरुस्त रहे। और इस दौरान एहतियात बरतें और स्वास्थ्य को लेकर कतई लापरवाही न बरतें।
इन 3 चीजों का रखें बेहद ध्यान-
– बारिश में भीगने से बचना चाहिए। गले में खराश, नाक बहने, बुखार, सर्दी- खासी का शिकार हो सकते हैं।
– तैलीय और मसालेदार भोजन, फास्ट फूड खाने से बचें। घर का बना भोजन और स्नैक्स ही खाएं।
– भीगकर घर या दफ्तर में आ रहे हैं, तो एसी कमरे में प्रवेश न करें। खुद को पूरी तरह से सुखा लें।
इस मौसम में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है-
-बाहर से जब आप घर लौटते हैं तो आपके हाथों में सैकड़ों रोगाणु होते हैं। इसलिए कभी भी अपने गंदे हाथों से अपना मुंह, आंख, कान को न छुएं। पहले हैंड वाश या साबुन से अपने हाथों को जरूर धोएं।
-मच्छर बारिश के दिनों का हिस्से होते हैं। ऐसे में मच्छरों को भगाने वाली क्रीम लगाएं। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और अपने घर के दरवाजों और खिड़कियों पर मच्छरदानी लगाएं।
– आसपास के खाली पड़े टैंक, टायर, कचरा के डिब्बे, बोतल, फूलों के बर्तन में पानी में जमा हो सकता है। ऐसे में साफ सफाई रखें। आसपास कोई ऐसी चीज न रखें जिसमें पानी भरें और मच्छर पैदा हों।
-नाखून के भीतर कई तकह के कीटाणु जमा होते हैं, इसलिए लिए नाखून को दांतों से नहीं काटना चाहिए। ऐसा करने से कीटाणु मुंह के जरिए पेट में चले जाते हैं। इससे आप बीमार हो सकते हैं।
-यदि आपको धूल और धुएं के कणों से एलर्जी है, तो बारिश के मौसम में इनसे बचें। यदि आप उनके संपर्क में आते हैं और एलर्जी की प्रतिक्रिया का शिकार होते हैं, तो बीमार पड़ने की अधिक आशंका होती है।
– बीमार व्यक्ति से दूरी नहीं बनाते तो सब कुछ बेकार है। क्योंकि बीमार व्यक्ति से संपर्क में आने से वायरस या कोई बीमारी आपको भी हो सकती है। बीमारी से बचने और संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग भी जरूरी है।