नई दिल्ली। सावन का महीना शुरू हो चुका है और इसी के साथ शुरू हो चुका है सावन के सोमवार के उपवास का सिलसिला जो। शिव जी को खुश करने के लिए किया जाता हैं हालांकि उपवास के दौरान अनाज की कमी की पूर्ति करते हुए संतुलित भोजन लेना बहुत जरूरी है। अधिक तला-भुना, मीठा या बिना नमक का खाना लेने से जहां ब्लडप्रेशर में कमी, शुगर या वजन बढ़ने जैसी परेशानियां हो सकती हैं, वहीं केवल फलों पर निर्भर रहने व कम मात्रा में पानी पीने से भी कमजोरी, कब्ज आदि की समस्या हो सकती है इसलिए फलाहारी सामग्री से इस तरह का भोजन तैयार करना चाहिए जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिल सके।
छाछ व नींबू पानी
उपवास के दौरान दिन में कई बार छाछ व नींबू पानी लेने से शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और ऊर्जा भी मिलती रहेगी। इसके अलावा पपीते, स्ट्राबेरी, चीकू का शेक, पाइनएपल, मौसम्बी व संतरे का जूस आदि भी बीच-बीच में लिया जा सकता है।
उपवास के दौरान अगर एक बार फलाहार ग्रहण कर रहे हैं तो सिर्फ साबूदाने की खिच़ड़ी या आलू का हलवे जैसे किसी एक गरिष्ठ व्यंजन पर निर्भर रहने के बजाए कुट्टु, सिंघाड़े या राजगीर के आटे में उबला आलू मैश कर रोटी का आटा तैयार करें। इससे रोटी या पराठा बनाकर दही या लौकी के रायते के साथ खाने से पेट भी भरेगा और वजन बढ़ने की समस्या भी नहीं होगी। साबूदाना खिचड़ी में अगर आलू के बजाए लौकी का उपयोग किया जाए तो वह गरिष्ठ नहीं होगी।
व्रत के दौरान सुबह चाय पीने के बाद छाछ, दही, अधपकी सब्जियों का सलाद, फल आदि खाने से शरीर को एनर्जी मिलने लगती है। साथ ही फलाहारी खाने में हरी चटनी, रायते, खीरा जैसी चीजें शामिल कर विविधता लाई जा सकती है । इस दौरान यह ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है कि नमक व शकर का तालमेल न बिगड़ने पाए साथ ही पानी भी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए।
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