पटना। बिहार में इन दिनों राजनीति का पारा काफी गरम है। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद सोमवार को प्रेस कर लालू यादव समेत तेजस्वी पर हमला बोला था। लेकिन ठीक दूसरे दिन लालू ने नीतीश को करारा जबाब देते हुए नीतीश कुमार को राजनीति का पल्टूराम करार देते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद तेजस्वी ने बुधवार को प्रेस कर एक बार फिर नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया।
तेजस्वी ने साफ साफ कहा कि जिस नैतिकता की बात कर नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया था क्या अब उनके मंत्रिमंडल में वो नैतिकता का पाठ पढ़ाय़ेंगे। सुशील मोदी पर आरोप लगे हैं उन पर क्या कदम उठाय़ेगे। पासवान के भाई को मंत्रिमंडल में जगह देना क्या परिवादवाद नहीं हैं। नीतीश कुमार क्या जी के डीएनए को लेकर भाजपा ने जो बोला था उस पर भाजपा और उनका क्या स्टैंड होगा।
नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में 75 फीसदी दागी मंत्री बने हैं। उस पर क्या कहना है उनका, जब उनको भाजपा के साथ ही जाना था तो बिहार की जनता के 4 साल क्यूं बर्बाद किया। अपने आपको देश का बड़ा सेकुलर कहते हैं। जो फिर मंडल कमीशन बना तो नीतीश कुमार कहां थे। ये मंडल के विरोधी कमंंडल वालों के साथ थे। आज फिर वहीं हैं।
अंतरात्मा कुर्सी आत्मा या फिर मोदी आत्मा किस आत्मा की आवाज पर उन्होने महागठबंधन से नाता तोड़ा है। हे राम कहते कहते जय श्री राम क्यूं कहने लगे अपने आपको जन नेता बताते हैं तो कुर्मी सम्मेलन में क्यूं गये अगर जननेता हैं तो जाति के सम्मेलन में क्यूं जाते हैं। सुशील मोदी पर आखिर चुप क्यूं है नीतीश कुमार ये सवाल हैं जिनका उनके पास कोई जबाव नहीं हैं।