नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर किसानों की रैली में हिंसा हुई जिसमें लगभग 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। इसी दौरान प्रदर्शनकारी ने लालकिले पर पहुंचकर अपना झंडा फहरा दिया। हालांकि एक किसान की भी इस दौरान मौत हुई है। दिल्ली में गण्तंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा को बसपा सुप्रीमों मायवती ने दु्र्भाग्यपूर्ण बताया है। बुद्वार को मायावती ने कहा कि रैली के दौरान जो कुछ हुआ वह नहीं होना चाहिए था यह दु्र्भाग्यपूर्ण है और इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की भी मांग की।
मायावती ने ट्वीट कर कहा, “देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था। यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केन्द्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से ज़रूर लेना चाहिए।”
मायावती ने इसके बाद अगले ट्वीट में कहा, “बसपा की केन्द्र सरकार से पुनः यह अपील है कि वह तीनों कृषि कानूनों को अविलम्ब वापिस लेकर किसानों के लम्बे अरसे से चल रहे आन्दोलन को खत्म करे ताकि आगे फिर से ऐसी कोई अनहोनी घटना कहीं भी न हो सके।”
बतादें कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली की इजाजत मांगी थी. किसानों को तय रूट पर रैली की इजाजत दी गई, लेकिन किसानों ने दिल्ली में घुसकर जमकर उत्पात मचाया। किसानों ने आईटीओ, नांगलोई, अक्षरधाम के पास हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई जिसमें 86 पुलिसकर्मी घायल हुए. इसके अलावा एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हुई है। हिंसा को लेकर सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
गणतंत्र दिवस पर किसानों की हुड़दंगई के बाद लाल किला मेट्रो पर एंट्री बंद की गई इसी के साथ जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन का एंट्री गेट भी बंद किया गया है। इसी के साथ बतादें कि दिल्ली से गाज़ियाबाद या फिर गाज़ियाबाद से दिल्ली जाना वाले एनएच.9 और एनएच.24 को सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया है।