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स्विट्जरलैंड की कंपनी ने दिखाई एयर इंडिया की खरीद में दिलचस्पी

air india स्विट्जरलैंड की कंपनी ने दिखाई एयर इंडिया की खरीद में दिलचस्पी

नई दिल्ली। सिविल एविएशन क्षेत्र में काम करने वाली स्विट्जरलैंड की कंपनी स्विस एविएशन कंसल्टिंग (एसएसी) ने एयर इंडिया की खरीद में बोली लगाने के लिए में दिलचस्पी दिखाई है। भारत सरकार इस वर्ष के अंत तक एयर इंडिया को बेचना चाहती है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि कि एयर इंडिया की खरीद में दिलचस्पी दिखाने वाला यह पहला इंटरनेशनल एविएशन ग्रुप है। अधिकारी ने बताया कि एएससी को भेजी गई ईमेल का अभी कोई जवाब नहीं आया है। उल्लेखनीय है कि एसएसी की शुरुआत 2005 में हुई थी। इसके क्लाइंट्स में विमानों के निजी मालिक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस भी शामिल हैं।

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बता दें कि एयर इंडिया के लिए कुछ अन्य विदेशी कंपनियों भी बोली लगा सकती हैं। इनमें सिंगापुर एयरलाइंस, टाटा ग्रुप, एयर फ्रांस व केएलएम की जेट एयरवेज साथ मिलकर बोली में शामिल सकती हैं। एयर इंडिया को खरीदने में शुरुआती दिलचस्पी दिखाने वाली देश की बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने हाल ही में इससे अपने कदम पीछे खींचते हुए कहा था कि वह केवल एयरलाइन के इंटरनेशनल ऑपरेशंस को खरीदना चाहती है। इस बीच एक एविएशन कंसल्टेंट ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि एसएसी किसी अन्य कंपनी के मुखौटे की तरह काम कर रही हो। हालांकि यह पता लगाना मुश्किल है कि क्या एसएसी ने किसी अन्य कंपनी की ओर से दिलचस्पी दिखाई है।

वहीं एसएसी के इंटरनेट पर उपलब्ध प्रोफाइल के अनुसार, यह एक निजी मालिकाना हक वाली कंपनी है| इसमें किसी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन, मैन्युफैक्चरर, ऑपरेटर, इंश्योरेंस कंपनी या मेंटेनेंस प्रोवाइडर की हिस्सेदारी नहीं है। इससे कंपनी के क्लाइंट्स को बिना किसी भेदभाव और पक्षपात के सर्विस मिलने का आश्वासन बरकरार रहता है। साथ ही इसके पास एविएशन इंडस्ट्री में खास समझ रखने वाले कंसल्टेंट्स, लॉयर्स, ऑडिटर और इंजीनियर मौजूद हैं।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने कर्ज के बोझ से दबी एयर इंडिया में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। इसके लिए मार्च के अंत में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट दस्तावेज जारी किया गया था। सरकार की योजना एयर इंडिया के प्राइवेटाइजेशन के तीन वर्ष बाद कंपनी को लिस्ट कराने की है और उस समय सरकार की बाकी हिस्सेदारी बेची जा सकती है।

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