नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकी विरोधी अभियान के दौरान शहीद हुए सेना कमांडो कर्नल संतोष महीदिक की विधवा पत्नी स्वाती महादिक ने सेना में ऑफिसर का पद हासिल किया है। स्वाति ने ये पद एक साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद हासिल किया है। उन्होंने इसकी ट्रेनिंग चेन्नई के ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी में ली है। जिसके बाद वे आज लेफ्टिनेंट बन गईं। स्वाती की उम्र 32 साल है जिसकी वजह से वो एस पद को नहीं पा सकती थी। लेकिन सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह के कहने पर उन्हें उम्र में छूट दी गई। जिसे उस वक्त के रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने मान लिया था। स्वाती दो बच्चों की मां है उनकी एक 12 साल की बेटी और 6 साल का बेटा है।

बता दें कि पति के पदचिन्हों का अनुसरण करते हुए अफसर बनी स्वाति ने इस मौके पर कहा कि उनके पति का पहला प्यार उनकी वर्दी और यूनिट थी, तो मुझे इसे पहनना ही था। दो बच्चों की मां स्वाती सर्विस सलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) के सामने हाजिर हुई। लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में वह पास करते हुए स्वाति ने आखिरकार वो मुकाम पा ही लिया जिसके लिए वो जी जान से जुटी थीं।
वहीं 2015 में कर्नल महादिक और उनके साथियों पर घात लगाकर हमला किया गया था। हमले के वक्त अपने साथियों के साथ महादिक नियंत्रण रेखा के समीप घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की छापामारी कर रहे थे। हमले में शहीद हुए महादिक को गणतंत्र दिवस के मौके पर शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।