नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत और अफगानिस्तान के साथ ईरान के रिश्तों को नया आयाम दिया है। विदेश मंत्री ने ईरान के चाबहार बदंरगाह के जरिए अफगानिस्तान को दी जाने वाली गेहूं की पहली खेप को हरी झंड़ी दिखाई। बता दें कि ये गेहूं की खेप अफगानिस्तान को अनुदान के रूप में दी गई है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने संयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भारत से अफगानिस्तान को दी जाने वाली गेहूं की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई, जोकि ईरान के चाबहार बंदरगाह के रास्ते अफगानिस्तान पहुंचेगी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों के लिए 11 लाख टन गेहूं की ये खेप भारत सरकार द्वारा दिए गए वचन का एक हिस्सा है, जिसमें कहा गया था कि भारत अफगानिस्तान को अनुदान के आधार पर गेहूं भेजेगा। मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने चाबहार बंदरगाह के माध्यम से अफगानिस्तान में जाने वाली पहली खेप का अफगानिस्तान में स्वागत किया गया है। दरअसल अफगानिस्तान के बीच परीवहन और पारगमन गलियारे के रूप में इस बंदरगाह को विकसित करने के लिए पीएम मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच पिछले साल मई में त्रिपक्षीय समझौता हुआ था।
मंत्रालय के मुताबिक अगले कुछ महीनों में अफगानिस्तान को गेंहू की छह और खेप भेजी जाएगी। इस दौरान दोनों देशों के मंत्री अफगानिस्तान की जनता की एवं क्षेत्र के फायदे और समृद्धि के लिए सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के 24 अक्टूबर के भारत दौरे के बाद गेंहू की ये खेप अफगानिस्तान भेजी गई है। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है कि गेहूं की ये खेप बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये अफगानिस्तान के लिए एक वैकल्पिक, विश्वसनीय और मजबूत संपर्क के रूप में चाबहार बंदरगाह के संचालन के रास्ते खोलेगा।