राज्यसभा में विदेश नीति पर चर्चा के दौरान गुरूवार को कांग्रेस पीएम मोदी के विदेश दौरों और भारत की वर्तमान विदेश नीति पर जमकर बरसे। आनद शर्मा ने पाकिस्तान के साथ तनाव और चीन और भूटान के साथ बिगड़े रिश्तों को लेकर मोदी सरकार को घेरा था। कांग्रेस का जवाब देने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मैदान में आई हैं। राज्यसभा में विपक्ष पर हमला करते हुए सुषमा स्वराज ने राहुल गांधी को घेरा है। विदेश नीति पर बोलते हुए सुषमा स्वराज ने कहा है कि आज पीएम मोदी के कारण ही भारत के साथ अमेरिका और रूस जैसे देश हैं।
सुषमा स्वराज ने कहा है कि भारत को रूस का साथ मिला है यह विदेश नीति की सफलता है। उन्होंने कहा है कि आज इजरायल भी भारत के साथ में खड़ा है और यह सब कुछ विदेश नीति से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा है कि फिलीस्तीन को भी हम नहीं भूलेंगे। सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहा है कि इजरायल भारत के साथ ही लेकिन हम इजरायल के साथ साथ फिलीस्तीन के साथ भी हैं। उन्होंने कहा है कि आज के दौर में सभी ताकतवर देश भारत के साथ हैं, यह सब कुछ विदेश नीति के कारण ही संभव हो पाया है।
उन्होंने कहा है कि इस वक्त आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका और रूस दोनों ही भारत के साथ हैं, अरब देशों के सबसे अच्छे रिश्ते भारत के हैं। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी ने अमेरिका में रहकर राष्ट्रपति ट्रंप को चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी ग्लोबल एजेंडा तय करने वाले पीएम बने हैं यह सब कुछ विदेश नीति से ही संभव हो पाया है। विदेश नीति की सफलता गिनाते हुए सुषमा स्वराज ने अमेरिका के एच1 वीजा के मुद्दे पर भी बात की थी। उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार में एच1 वीजा में बढ़ोतरी हुआ है लेकिन यूपीए की सरकार में अमेरिकी वीजा की संख्या में काफी कमी आई थी।
उन्होंने कहा है कि हमारी विदेश नीति की प्रशंसा की जानी चाहिए। विदेश नीति की सफलता को गिनाते हुए उन्होंने कहा है कि पीएम से उन्होंने सऊदी नरेश से बात करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा है कि यमन से रेस्क्यू करना विदेश नीति की सफलता है। सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में राहुल गांधी को घेरते हुए कहा है कि क्या वजह रही है कि राहुल गांधी चीनी राजदूत से मिले? चीन मुद्दे पर बोलते हुए सुषमा स्वराज ने कहा है कि युद्ध की तैयारी होती है तभी सेना होती है, युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है और युद्ध के बाद भी संवाद की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा है कि पड़ोसियों को विकास के लिए आर्थिक मदद देनी चाहिए और आर्थिक विकास के लिए चीन से भी मदद आ रही है। उन्होंने कहा है कि आज के दौर में चीन से 160 बिलियन डॉलर का व्यापार है। उन्होंने कहा है कि किसी भी मुद्दे का समाधान युद्ध से नहीं बल्कि बातचीत से निकलता है और द्विपक्षीय संबंधों से चीन से बात करना जरूरी है। डोकलाम मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा है इस मुद्दे पर हम विपक्ष से भी मिले हैं।
वही राज्यसभा में विपक्ष को घेरते हुए उन्होंने कहा है कि आए दिन कांग्रेस के नेता अलग अलग बयानबाजी करने में लगे हुए हैं। लेकिन हमने विपक्ष को साथ में लिया है। विपक्ष को घेरते हुए उन्होंने कहा है कि हमने हर बार विपक्ष को अपने साथ में लिया है, विपक्ष को सीपीईसी मुद्दे पर जिम्मेदारी से बात करनी चाहिए। चीन मुद्दे पर विपक्ष को घेरते हुए उन्होंने कहा है कि यूपीए सरकार में चीन की दखलअंदाजी ज्यादा बढ़ी है। दूसरी तरफ पीएम के साथ विदेश दौरा ना करने को लेकर उन्होंने जवाब दिया और पूछा है कि मनमोहन सिंह कितनी बार विदेश मंत्री को अपने साथ लेकर गए हैं?
आपको बता दें कि आनंद शर्मा ने राज्यसभा में कहा था कि पीएम मोदी को संसद में बताना चाहिए कि उनके 65 विदेश दौरों का क्या नतीजा निकला? शर्मा ने कहा कि पीएम विदेशों के नेताओं से झप्पी डाल कर मिलते हैं। इस सबका फायदा तब है जब कुछ हासिल हो।’ शर्मा ने आरोप लगाया था कि पीएम ने संसद को अपने एक भी विदेश दौरे की जानकारी नहीं दी। नेपाल और रूस से भारत के रिश्तों के बदलते समीकरण पर भी आनंद शर्मा ने मोदी सरकार पर हमला बोला।