इन दिनों चीन बॉर्डर पर तनाव की स्थिति देखी जा रही है। चीन बॉर्डर पर बढ़ते तनाव को देखते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। डोकलाम मुद्दे पर भारत और चीन के बीच कुछ दिनों से तनातनी का माहौल देखा जा रहा है। तनातनी के माहौल के बीच आए दिन चीन की तरफ से विवादित बयान सामने आ रहे हैं। सुषमा स्वराज ने यह बैठक 14 जुलाई को शाम के वक्त गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर बुलाई है। सुषमा स्वराज द्वारा बुलाई गई इस बैठक में सभी पार्टियों के अलावा केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे। सुषमा स्वराज द्वारा बुलाई गई इस बैठक की जानकारी राज्यसभा और लोकसभा में सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों को दी गई है।
चीन के अखबार के संपादकीय ने सीधे सीधे लिखा हुआ है कि इससे पहले हालात और भी ज्यादा बिगड़ जाए और भारत को गंभीर परिणाम का सामना करना पड़े भारत डोकलाम से अपने सैनिकों को पीछे हटा लेना चाहिए। अखबार ने लिखा है कि बीजिंग अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता के मामले में किसी भी तरह का कोई भी समझौता नहीं करना चाहता है। बता दें कि चीनी विदेश मंत्रालय ने कश्मीर मुद्दे को अपना आधार बनाते हुए कहा है कि वहां के हालातों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान दक्षिण एशिया के अहम देश में आता है, कश्मीर में एलओसी के पास टकराव हो रहा है। उन्होंने कहा है कि दोनों देशों का ही नहीं बल्कि इससे शांति और स्थिरता का नुकसान पहुंच रहा है।
सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में सड़क निर्माण से चीनी सेना को भारतीय सेना ने रोका था। उसके बाद तिलमिलाए चीन के सरकारी मीडिया और वहां के थिंक टैंक के कुछ सदस्यों ने भारत को धमकाते हुए कुछ लेख लिखे। उन लेखों में लिखा कि, जिस तरह से सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में सड़क निर्माण से चीनी सेना को भारतीय सेना ने रोका उसी तरह पाकिस्तान के आग्रह पर कश्मीर में ‘तीसरे देश’ की सेना घुस सकती है।