नई दिल्ली। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीते बुद्धवार को लालू यादव और राहुल गांधी के साथ महागठबंधन तोड़कर इस्तीफा दे दिया था। लेकिन बृहस्पतिवार को बाजेपी के साथ गठबंधन कर फिर से छठी बार सीएम पद के लिए शपथ ली। पिछले 24 घंटे में बिहार में सत्ता का समीकरण बदल चुका है। बड़े भाई-छोटे भाई लालू और नीतीश की जोड़ी टूट गई है और अब नीतीश-मोदी की दोस्ती के चर्चे आम हैं। नीतीश फिर से एनडीए के पाले में हैं और इस्तीफे के 15 घंटे के अंदर दोबारा सत्ता संभालने जा रहे हैं. लालू ने इसे नीतीश का धोखा और बीजेपी-जेडीयू का फिक्स्ड मैच बताया तो बीजेपी ने नेचुरल एलायंस। लेकिन आखिर इतना तेज घटनाक्रम कैसे हुआ। इस पूरे मामले में एक किरदार सबसे ज्यादा चर्चा में रहा- सुशील मोदी का। सुशील मोदी ने लगातार खुलासों से भ्रष्टाचार के मामले पर लालू कुनबे को घेर लिया और बाद में सीबीआई और ईडी के छापों के बाद नीतीश को मजबूर होकर आरजेडी से गठबंधन तोड़ना पड़ा। देखते हैं आखिर कैसे छोटे मोदी ने बिहार में मिशन एनडीए को अंजाम दिया।
नीतीश ने तेजस्वी पर किए बड़े खुलासे
बता दें कि बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने इसी साल 4 अप्रैल को लालू परिवार के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर मिट्टी घोटाले का पहला आरोप लगाया। इसके बाद सुशील मोदी एक-एक कर लालू यादव और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार बम फोड़ते रहे। तेजस्वी, तेजप्रताप, मीसा भारती, रागिनी यादव, राबड़ी देवी और लालू को लेकर लगातार सुशील मोदी ने खुलासे किए। इन खुलासों को लेकर उन्होंने एजेंसियों का दरवाजा भी खटखटाया। लालू परिवार के यहां सीबीआई और ईडी के छापे पड़े और फिर नीतीश को लालू से अलग होना पड़ा। लालू परिवार के ऊपर सुशील मोदी के खुलासों ने आरजेडी को बैकफुट पर लाकर रख दिया है।