बिहार राज्य

सुशील मोदी ने दिया तेजस्वी के हमले का जवाब, लालू कि हिम्मत का उड़ाया मजाक

sushil सुशील मोदी ने दिया तेजस्वी के हमले का जवाब, लालू कि हिम्मत का उड़ाया मजाक

पटना। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर पलटवार किया है। तेजस्वी ने लालू प्रसाद की हिम्मत को चुनौती देने पर कहा कि मोदी को हिम्मत की बात शोभा नहीं देती। वे हिम्मत क्या जानेंं ? जब नरेन्द्र मोदी के सम्मान में आयोजित भोज रद किया गया तो उस समय सुशील मोदी उप मुख्यमंत्री पद से त्याग देते। छोड़ देते सत्ता की मलाई। तोड़ देते गठबंधन । लालू तो अंगद की तरह पांव जमाकर बिहार को संघ की आग से लगातार बचाया है। आडवाणी के साम्प्रदायिक रथ का चक्का जाम कर दिया था।

sushil सुशील मोदी ने दिया तेजस्वी के हमले का जवाब, लालू कि हिम्मत का उड़ाया मजाक

इसके जवाब में सुशील मोदी ने लालू प्रसाद की हिम्मत का मजाक उड़ाया है । उन्होंने कहा कि अगर हिम्मत नहीं होती तो चारा घोटाले में आरोपित हो कर जेल जाते समय अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार की छाती पर नहीं बैठाते। यह लालू प्रसाद की हिम्मत ही है कि 750 करोड़ के चारा घोटाले में 5 साल के लिए सजायाफ्ता होने के बावजूद लूट मचा कर अपने परिजनों की जिन्दगी बर्बाद करने से वे कभी नहीं डरे।

बता दें कि मोदी ने कहा कि लालू यादव की हिम्मत को दाद देनी चाहिए कि पंचायत तक का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं और एक समय डेढ़ सौ से घट कर विधायकों की संख्या 22 पर सिमट गई थी मगर अपने पतन पर कभी उन्हें मलाल नहीं रहा। रेलमंत्री बनने के साथ ही दोनों हाथों से भ्रष्टाचार जनित कालेधन के जरिए अकूत बेनामी सम्पति बटोरना शुरू कर दिया। विधायक, सांसद और मंत्री बनाने के लिए राजनेताओं तक से जमीन लिखवा लिया। पटना में 2 बीघा बेनामी जमीन हथिया लिया जिस पर तेजस्वी यादव का 750 करोड़ की लागत से बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा है।

भाजपा नेता ने कहा कि यह लालू की हिम्मत ही है कि उन्होंने बीपीएल ललन चैधरी, रेलवे के खलासी हृदयानंद चौधरी और प्रभुनाथ यादव जैसे गरीब तक से करोड़ों की जमीन दान करवा लिया तथा आधे दर्जन मुखौटा कम्पनियों के जरिए करोड़ों की बेनामी सम्पति बेटों-बेटियों के नाम पर बटोर लिया। गरीब जनता को लूटने की हिम्मत तो लालू यादव में जरूर थी, मगर 15 वर्षों तक राज करने के बावजूद बिहार की सड़कों को दुरुस्त करने, अलकतरा घोटाला, अपहरण उद्योग व सामूहिक नरसंहार को रोकने तथा आतंक के पर्याय शहाबुद्दीन जैसों पर करवाई करने की वे हिम्मत कभी नहीं दिखा पाए।

Related posts

जुलाई माह में 1611 पदों पर होगा शिक्षकों का नियोजन : पटना

Arun Prakash

भोपालःपति वेंटिलेटर पर था अस्पताल से आया फोन ,गर्भवती महिला ने छत से लगा दी छलांग

mahesh yadav

भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद की वजह POK है- रामदेव

Pradeep sharma