लखनऊ: रिटायर्ड IAS अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह पर पिछले दिनों एफआईआर की गई थी। इसी के चलते मंगलवार को वह उन्नाव के सोहरामऊ थाने पहुंचे। उनके खिलाफ महामारी एक्ट, आपदा प्रबंधन एक्ट जैसे मामलों में मुकदमा दर्ज किया है। इसी सिलसिले में बयान दर्ज करवाने के लिए सूर्य प्रताप सिंह को बुलाया गया था।
सरकार की नजर में खटक रहा हूं- सिंह
थाने से निकलने के बाद रिटायर्ड IAS अधिकारी ने कहा कि मैं यूपी सरकार की नजरों में खटक रहा हूं, इसी का परिणाम है कि एक साल के भीतर मेरे खिलाफ 6 मुकदमे लगा दिए गए हैं। उन्होंने इस पूरे मामले को पुलिस से नहीं, सरकार से जुड़ा हुआ बताया।
मैंने अपना आधिकारिक बयान उन्नाव पुलिस को दे दिया है। अनेकों शव तैरते रहे, इलाज के अभाव में लोग दम तोड़ते रहे, पर ‘भय’ मेरे ट्वीट से व्याप्त हो गया ये आरोप क्या उचित है?
सभी समाजसेवी, अधिवक्ता भाइयों और पत्रकार मित्रों जो देहात तक मेरे समर्थन में आए उनको मैं धन्यवाद देता हूँ। 🙏 pic.twitter.com/ZeW0CsnBPL
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) June 8, 2021
ट्वीट करने के बाद हुआ एक्शन
सूर्य प्रताप सिंह ने अपने ट्वीटर एकाउंट से कई बातें लिखी, योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने 67 शवों को जेसीबी की मदद से गंगा किनारे दफन करवाया है। यह हिंदू परंपरा के विरुद्ध है, इसे हिंदुओं के लिए कलंक भी बताया। सोशल मीडिया पर उनके इस तरह के ट्वीट खूब वायरल हो गए। इसी मामले में पुलिस ने पाया कि गंगा में तैरते शवों की एक तस्वीर जो शेयर की गई थी, वह पुरानी है। महामारी के दौर अफवाह फैलाने के कारण पुलिस ने संज्ञान लिया है।
मानसिक उत्पीड़न चाह रही सरकार
दूसरी तरफ सूर्य प्रताप सिंह इसे बदले का एक्शन बता रहे हैं, उनका कहना है कि यूपी सरकार उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करना चाहती है। सिंह ने कहा कि मुझ पर मुकदमा करने से सच नहीं छिप जायेगा। अपनी आलोचना के चलते वह बचाव की राह खोज रहे हैं, वहीं पुलिस इसे महामारी के दौरान नियमों के उल्लंघन से जोड़कर देख रही है।