नई दिल्ली। उरी आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक की विश्वसनीयता पर पाकिस्तान सरकार और वहां की मीडिया द्वारा लागातार सवाल उठाए जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) के साथ मीटिंग की है जिसमें रक्षा के मुद्दो को लेकर बातचीत की गई। साथ ही ऐसी खबर सामने आ रही है कि सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के सारे सबूत रक्षा मंत्रालय को सौंप दिए हैं।
ऐसा कहा जा रहा है सीसीएस के साथ हुई प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की बैठक के दौरान सेना ने रक्षा मंत्रालय को सर्जिकल स्ट्राइक के सभी सबूत सौंप दिए हैं लेकिन इन वीडियो फुटेज को सार्वजनिक किया जाए या फिर नहीं इस पर फैसला होना अभी बाकी है। जिसका अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट के द्वारा लिया जाएगा।
जानिए आखिर सेना ने उरी आतंकी हमले का कैसा दिया जवाब
बता दें कि पिछले कई दिनों से सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिए जाने के बाद भारत की राजनीति में सरगर्मीं उस समय बढ़ गई जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक वीडियो संदेश जारी करके सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को सलाम करते हुए कहा था कि हाल में वे (पाकिस्तान) अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के प्रतिनिधिमंडल को पाकिस्तान ले गए और उनसे कहा कि भारतीय सेना द्वारा कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं किया गया। मोदी जी को पाकिस्तान के झूठे प्रचार को बेनकाब करना चाहिए। जिसके बाद से इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया।
जानिए आखिर केजरीवाल ने वीडियो संदेश ऐसा क्या कह दिया
केजरीवाल के बाद कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के दावे को फर्जी बताया हालांकि कांग्रेस ने संजय के इस बयान से किनारा कर लिया है। वहीं बुधवार को इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक पहली बार नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वाले कुछ लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने पीओके में भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक की गतिविधियों को देखा है।
इन चश्मदीदों ने बताया 29 सितंबर की रात हुए सर्जिकल स्ट्राइक में मारे गए लोगों के शवों को ट्रक में लादकर ले जाया गया और उन्हें सुबह होते ही दफना दिया गया। मारे गए आतंकियों का अंतिम संस्कार बड़े ही गुपचुप तरीके से किया गया। साथ ही अल हावी ब्रिज के पास एक बिल्डिंग को जलते हुए देखा।