सरकारी स्वामित्व वाली मेटर एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉरपोरेशन अॉफ इंडिया (एमएमटीसी) व स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन(एसटीसी) का विलय से जुड़ी कार्यवाही जारी है। यह जानकारी वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने खुद दी है।
प्रभु ने कहा कि एसटीसी बीमार कंपनी के रूप में घोषित हो चुकी है। इसलिए इसे मेटर एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉरपोरेशन अॉफ इंडिया के साथ विलय करने की कार्यवाही जारी है। उल्लेखनीय है कि एसटीसी, प्रोजेक्ट एंड इक्विपमेंट कॉरपोरेशन अॉफ इंडिया(पीईसी) व मेटर एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉरपोरेशन अॉफ इंडिया, यह तीनों प्रतिष्ठान वाणिज्य मंत्रालय के अंदर काम कर रही हैं। इससे पहले मंत्रालय ने इन तीनों प्रतिष्ठानों के पुनर्गठन के लिए अध्ययन के लिए एक कमेटी का गठन भी किया था।
हालांकि पीईसी मंत्रालय के अंदर काम कर रही है लेकिन एमएमटीसी व एसटीसी में इसकी 90 फीसदी हिस्सेदारी है। एमएमटीसी व एसटीसी की शुरुआत क्रमशः 1963 व 1956 में हुई थी लेकिन पीईसी का गठन 1971-72 में एसटीसी से ही किया गया था। वैश्वीकरण की दौर में इन व्यापारिक कंपनियों की व्यवहारिकता ही खत्म हो गई है। एमएमटीसी जहां धातु व खाद का व्यापार करती है, वहीं एसटीसी गेहूं, दाल, चीनी व खाने वाली तेलों का व्यापार करती थी। साथ ही पीईसी रेलवे की मशीनरी का आयात व निर्यात करती थी। लेकिन 2016-17 के दौरान एमएमटीसी को 30 करोड़ का घाटा हुआ था। इसी तरह एसटीसी को पिछले वित्तीय वर्ष में 16.5 का घाटा सहना पड़ा था।