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पेगासस जासूसी मामला: कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग पर SC कल सुनाएगा फैसला

supreme court 1630531682 पेगासस जासूसी मामला: कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग पर SC कल सुनाएगा फैसला

पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी। कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हिमा कोहली की बेंच फैसला सुनाने वाली है। यह फैसला कल सुबह 10:30 बजे सुनाया जाएगा।

13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला रखा था सुरक्षित
दरअसल, 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि वह केवल यह जानना चाहती है कि क्या केन्द्र ने नागरिकों की कथित जासूसी के लिए अवैध तरीके से पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया है या नहीं? केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए मामले पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से इनकार कर दिया था।

वहीं, 23 सितंबर को भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) ने कहा था कि अदालत पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, राजनेताओं आदि की जासूसी के आरोपों को देखने के लिए एक तकनीकी समिति गठित करने पर विचार कर रही है। चीफ जस्टिस ने कहा था कि तकनीकी समिति का हिस्सा बनने के इच्छुक व्यक्तियों की पहचान करने में कठिनाइयों के कारण आदेश में देरी हो रही है।

राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है ये मामला: मेहता
वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और इसलिए इसे न्यायिक बहस या सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा था कि सरकार हलफनामे में यह नहीं बता सकती कि उसने सुरक्षा उद्देश्यों के लिए किसी विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं, क्योंकि इससे आतंकी समूह अलर्ट हो सकते हैं। मेहता ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, केंद्र ने इस मुद्दे की जांच के लिए एक तकनीकी समिति गठित करने पर सहमति व्यक्त की है। जल्द ही ये समिति अदालत को एक रिपोर्ट सौंपेगी।

इस पर बेंच ने कहा था कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा या रक्षा से जुड़ी कोई जानकारी नहीं चाहती है, लेकिन केवल नागरिकों की जासूसी के आरोपों के संबंध में सरकार से स्पष्टीकरण मांग रही है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था, हमें सुरक्षा या रक्षा से संबंधित मामलों को जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम केवल यह जानने के लिए चिंतित हैं कि क्या सरकार ने कानून के तहत स्वीकार्य के अलावा किसी अन्य तरीके का इस्तेमाल किया है। चीफ जस्टिस ने कहा था, हम फिर दोहरा रहे हैं कि हमें सुरक्षा या रक्षा से संबंधित मामलों को जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है। हमारे सामने पत्रकार, कार्यकर्ता और अन्य लोग हैं, जो ये जानना चाहते हैं कि क्या सरकार ने कानून से बाहर जाते हुए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है?

क्या है पेगासस स्पाइवेयर
पेगासस एक स्पाइवेयर है, जिसे इसराइली साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नॉलॉजीज़ ने बनाया है। ये एक ऐसा प्रोग्राम है जिसे अगर किसी स्मार्टफोन फोन में डाल दिया जाए, तो कोई हैकर उस स्मार्टफोन के माइक्रोफोन, कैमरा, ऑडियो और टेक्सट मेसेज, ईमेल और लोकेशन तक की जानकारी हासिल कर सकता है। भारत में ये याचिका इजराइल के ‘स्पाइवेयर पेगासस’ के जरिए सरकारी संस्थानाओं द्वारा कथित तौर पर नागरिकों, राजनेताओं और पत्रकारों की जासूसी कराए जाने की रिपोर्ट की स्वतंत्र जांच के अनुरोध से जुड़ी हैं।

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