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वकीलों से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘वकील टीवी डिबेट में अदालतों के निर्णयों की आलोचना कर रहे हैं’

supreme court of india 1509612898 वकीलों से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'वकील टीवी डिबेट में अदालतों के निर्णयों की आलोचना कर रहे हैं'

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वकीलों की तरफ से जजों और उनके निर्णयों को निशाना बनाए जाने का ट्रेंड शुरू हो गया है, जो आखिर में संस्थान (कोर्ट सिस्टम) के खात्मे की तरफ जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की वकीलों को लेकर यह टिप्पणी एक मामले की सुनवाई करते की है। जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने केरल मेडिकल कॉलेज मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि वकील टीवी डिबेट में अदालतों के निर्णयों की आलोचना कर रहे हैं।

 

supreme court of india 1509612898 वकीलों से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'वकील टीवी डिबेट में अदालतों के निर्णयों की आलोचना कर रहे हैं'
File Photo

 

जस्टिस मिश्रा ने कहा, ‘इस कोर्ट में कौन बचेगा? हर जज निशाने पर है। आप एक तीर से सभी को खत्म कर देना चाहते हैं। आप जैसे लोग इस संस्थान को नष्ट कर रहे हैं। यदि ये संस्थान नष्ट हो गया तो आप भी नहीं बच पाओगे।’

 

दरअसल जजों द्वारा इस तरह की टिप्पणी तब की गई जब मामले की सुनवाई के चलते वकीलों ने अपनी आवाज आक्रामक तरीके से तेज करते हुए बहस करना शुरू कर दिया। जस्टिस अरूण मिश्रा ने कहा, आप (वकील) हर दिन संस्थान (न्याय व्यवस्था) को नष्ट कर रहे हैं। केवल यदि ये संस्थान बचेगा तो वकील बचेंगे।

 

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि वकील अब टीवी चैनलों के पास जा रहे हैं और यहां होने वाली कार्यवाही की चर्चा कर रहे हैं। वे कोर्ट कार्यवाही की चर्चा टीवी चैनलों पर कर रहे हैं. हम पर सवाल उठाए जा रहे हैं।” उन्होंने कहा, “आप हर दिन संस्थान की हत्या कर रहे हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट बचा तो ही वकील बचेंगे।”

 

जज ने सीनियर वकीलों और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। विकास उस मामले से जुड़े वकीलों में शामिल हैं, जिसकी सुनवाई बेंच कर रही है।

 

जस्टिस  ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) इस मुद्दे पर खामोश है। उन्होंने ये टिप्पणी एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह की मौजूदगी में की, जो इस मामले में एक पक्ष की तरफ से पेश हुए थे।

 

छह जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल की वजह से न्यायिक कार्य प्रभावित होने पर सर्वोच्चतम न्यायालय ने दिल्ली की तीस हजारी बार एसोसिएशन को हड़ताल करने या अदालत के किसी भी जज का बहिष्कार करने से रोक दिया। हड़ताल करने वाले वकील एक महिला वकील द्वारा कथित हमले के एक मामले में उसके पदाधिकारियों को झूठा फंसाये जाने का विरोध कर रहे थे।

 

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ ने पीड़ित महिला वकील को समुचित सुरक्षा प्रदान करने का पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया। यह महिला वकील वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ न्यायालय में पेश हुई और उसने कहा कि वह अदालत में अपना बयान दर्ज कराने को लेकर भयभीत हैं।

 

 

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