नई दिल्ली। लंबी दाढ़ी रखने के कारण एयरफोर्स कर्मी को नौकरी से निकालने को लेकर दायर याचिका को अस्विकार कर दिया है। कोर्ट ने अपील को खारिज करते हुए कहा कि एयरफोर्स का स्टाफ जब तक सेवा में है वो दाढ़ी नहीं बढ़ा सकता है, इसके साथ न्यायालय ने कहा है कि ड्रेस के मामले में एयर फोर्स के नियम कायदों को भेदभावक परक नहीं माना जा सकता है। आपको बता दें कि सेना में दाढ़ी बढ़ाने को लेकर एक मुस्लिम सैनिक मकतुम हुसैन को सेना से हटा दिया था, जिसको लेकर सेना के जवान ने याचिका दायर की थी।
गुरुवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है है कि सशस्त्र सेनाओं में नियम कायदों और अनुशासन पर जोर दिया जाता है, इन मामलाें में कोर्ट अपनी दखल नहीं देना चाहता है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की खंडपीठ ने कहा है कि एयर फोर्स के नियम कायदे किसी तरह से धार्मिक अधिकारों में दखल नहीं माने जा सकते हैं।
अपीलकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए याचिका में कहा है कि दाढ़ी रखना उनकी धार्मिक आजादी का बुनियादी पहलू है, जिस तरह से सिखों को दाढ़ी रखने का अधिकार है, उन्हे पगड़ी पहनने का अधिकार है, उसी प्रकार से मुस्लिमों को भी दाढ़ी रखने का अधिकार है।