नई दिल्ली। रेप और यौन शोषण जैसे गंभीर मामलों में फंसे आसाराम की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है कुछ दिन पहले जहां कोर्ट ने झूठी मेडिकल रिपोर्ट देने के आरोप में एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था तो वहीं आज कोर्ट ने उन्हें दूसरे रेप के मामले में जमानत देने से इंकार कर दिया है।
कोर्ट में आसाराम के ऊपर बलात्कार और यौन शोषण के दो मामले चल रहे है जिसमें से एक मामला राजस्थान का है तो दूसरा गुजरात का। गुजरात वाले मामले पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि अभी दो दिन पहले आसाराम की एक और मामले में जमानत अर्जी खारिज की थी तो अब इस मामले में कैसे जमानत दे सकते हैं। अगर उन्हें जमानत दे भी दी जाए तो वो जेल से बाहर नहीं आ सकते क्योंकि दूसरे मामले में वो जेल में ही बंद रहेंगे।
हालांकि आसाराम ने अपनी याचिका में कोर्ट से ये भी अपील की थी कि राजस्थान और गुजरात के दोनों मामलों में एक साथ ट्रायल चलाए जाए जिसे भी कोर्ट ने दरकिनार कर दिया और कहा कि पहले राजस्थान में सुनवाई पूरी होगी, उसके बाद ही गुजरात के मामले में ट्रायल होगा।
बता दें कि 31 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिक से रेप के आरोप में फंसे आसाराम से सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि मेडिकल रिपोर्ट से यह साफ होता है कि आसाराम की मेडिकल हालत ठीक है, उन्हें किसी प्रकार से कोई समस्या नहीं है, ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है।सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपनी सेहत की झूठी मेडिकल रिपोर्ट देने के आरोप में एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
27 जनवरी सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आसाराम ने जमानत के लिए जेल अधीक्षक का फर्जी पत्र लगाया है। उस पत्र के मुताबिक आसाराम की हालत इतनी ख़राब है कि वो बिस्तर पर ही नित्य क्रिया से निवृत्त होते हैं । आसाराम के वकील ने कहा कि वो हलफनामा दाखिल कर कह चुके हैं कि वो दस्तावेज उसे आसाराम के शिष्य ने दिया था। उसे अदालत न माने ।