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सुप्रीम कोर्ट ने गुजारा भत्ता के लिए जारी की नई गाइडलाइन, जानें किसको होगी सहूलियत

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नई दिल्ली। देश में लगातार घरेलू हिंसा के मामले बढ़ते दिखाई देते हैं। जिसके चलते आए दिन वैवाहिक विवाद के मामले कोर्ट के सामने आते रहते हैं। इन विवादों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि विवाद के अदालत में जाने के बाद दोनों पक्षकारों को अपनी आमदनी के स्रोत और पूरा ब्योरा देना होगा। उसके बाद ही गुजारा भत्ता की रकम तय की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यह भी ताकीद है कि हाइकोर्ट इस पर अमल करेंगे। इसी फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि समय से गुजारा भत्ता नहीं दिया गया तो जेल भी हो सकती है।

किस तारीख से करना होगा अपनी आय और संपत्ति का खुलासा-

बता दें कि आज के दौर में घर में छोटी-छोटी बात पर हिंसा हो जाती है। यह हिंसा धीरे-धीरे इतनी बड़ी हो जाती है कि बिना कोर्ट जाए कोई हल नहीं निकलता है। जिसके चलते वैवाहिक विवादों में पीड़िता के मेंटेनेंस की रकम के भुगतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत गाइड लाइन जारी की है सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस इंदु मलहोत्रा और जस्टिस सुभाष रेड्डी की पीठ ने अपने इस अहम फैसले में विस्तार से गाइडलाइन के विभिन्न पहलुओं को बताया है, यानी विवाद की सुनवाई जारी रहने के दौरान अंतरिम गुजारा भत्ता की रकम अवधि और अन्य पहलुओं पर भी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइडलाइन में दोनों पति-पत्नी को अब उस तारीख से अपनी आय और संपत्ति का खुलासा करना होगा, जिस दिन गुजारा भत्ता के लिए आवेदन किया गया हो. इसके साथ ही जब तक आय और संपत्ति का खुलासा नहीं होता है, तब तक गुजारा भत्ता न दे पाने तक गिरफ्तारी या जेल भेजने की प्रक्रिया रोक दी जाएगी.

गुजारा भत्ता का दावा करने वाले पक्ष को सहूलियत-

जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​और सुभाष रेड्डी की पीठ ने बुधवार को यह सुनिश्चित किया कि पति या पत्नी को गुजारा भत्ते का भुगतान किया जाए. इससे पहले, अदालतों के न्यायाधीश को संपत्ति और आय की गणना कब से करने की छूट थी. नियम के अनुसार दोनों पक्षों को आय और संपत्ति का खुलासा करना चाहिए, लेकिन कई मामलों में हलफनामा दायर करके छुट्टी मिल जाती थी. साथ ही अब सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन के बाद गुजारा भत्ता का दावा करने वाले पक्ष को काफी सहूलियत होगी. इस फैसले से यह उस पति या पत्नी को राहत मिलेगा, जिसने गुजारा भत्ता का दावा किया है, लेकिन समय से गुजारा भत्ता नहीं मिला. अब गुजारा भत्ता न देने पर जेल हो सकती है

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