नई दिल्ली। अयोध्या में बहुचर्चित बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ ट्रायल में हो रही देरी पर चिंता जताई। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात के संकेत दिए कि बीजेपी नेताओं और हिंदू संगठनों के नेताओं के खिलाफ बाबरी विध्वंस के मामले पर फिर से सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को ये सुझाव दिया कि वे रायबरेली और लखनऊ में चल रहे मामलों को एक साथ सुनवाई के लिए लगाएं और सुनवाई लखनऊ में हो।
लखनऊ वाले मामले में बीजेपी और संघ परिवार के बड़े नेताओं के ऊपर से साजिश की धारा हटाई जा चुकी है। इसी को सीबीआई ने चुनौती दी है। लखनऊ का मामला ढांचा गिराए जाने से जुड़ा है। रायबरेली का मामला भीड़ को उकसाने का है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया है जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी सहित अन्य को आरोपमुक्त किया था।