नई दिल्ली। टाटा पावर लिमिटेड और अदाणी पावर लिमिटेड को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। इसका कारण ये है की सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें ट्रिब्यूनल ने दोनों कंपनियों को ग्राहकों से क्षतिपूरक शुल्क लेने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसल में कहा की कंपनियों को ये लाभ तब दिया जा सकता है जब कानून के कारण उन पर ज्यादा बोझ पड़ रहा हो। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमिशन से कहा है की वो फिर से उन कंपनियों को रिलीफ देने की सोच सकती है जो पावर परचेजिंग एग्रीमेंट की धारा-13 के अंतर्गत आती हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पी.सी घोष और जस्टिस रोहिंटन एफ नरीमन की बेंच में अपीलीय ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी के फैसले के खिलाफ बहुत सी याचिकाएं दायर की गई थी। कोर्ट ने दायर की गई इन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसले में कहा टाटा पावर और अदाणी पावर लिमिटेड अपने ग्राहकों से लागत वसूल नहीं कर सकती।
आपको बता दें की टाटा और अदाणी पावर लिमिटेड ने एपिलेट ट्रिब्यून फॉर इलेक्ट्रिसिटी से ग्राहक लागत बढ़ाने के लिए इजाजत मांगी थी और और इसके लिए दोनों कंपनियों ने कानून में बदलाव हो जाने का कारण दिया था। दरअसल, दोनों पावर प्लांट्स के लिए कोयले का आयात इंडोनेशिया से होता है और साल 2010 में इंडोनेशिया के कानून में बदलाव के बाद आयात महंगा हो गया है। ट्रिब्यूनल से इजाजत मिलने से इसका पूरा असर उपभोक्ताओं पर पड़ता। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का फायदा पंजाब और हरियाणा के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के उपभोक्ताओं को मिलेगा।