13 साल की रेप पीड़िता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट से रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की इजाजत दे दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा कि 13 साल की बच्ची कैसे मां बन सकती है। इसलिए वह बच्ची अपना गर्भपात करा सकती है। सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद अब पीड़िता का गर्भपात मुंबई के जेजे अस्पताल में कराया जाएगा।
आपको बता दें कि रेप पीड़िता ने 30 हफ्ते के गर्भपात कराने की अर्जी दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने एक और मामले में पुणे के अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर 20 साल का रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की इजाजत दे दी थी। उस महिला को 25 हफ्तों का गर्भ था लेकिन बच्चे का सिप नहीं था जिसकी वजह से कोर्ट ने उसे गर्भपात कराने की इजाजत दे दी थी।
वही कोर्ट ने 28 अगस्त को रेप पीड़िता के मेडिकल जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया था। पीड़िता नाबालिग लड़की 30 हफ्ते की गर्भवती है। जस्टिस एसए बोबड़े और एल नागेश्वर की पीठ ने निर्देश दिए थे कि सुनवाई से पहले नाबालिग का मेडिकल कराया जाए उसके बाद रिपोर्ट आने पर ही कोर्ट सुनवाई करेगा और फैसला करेगा और उसके बाद ही रेप पीड़िता को गर्भपात के बारे में सलह देगा। लेकिन 20 हफ्ते के बाद गर्भपात पर प्रतिबंध है।