उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव रेप केस में वकील राम मनोहर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका दायर की है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट के वकील से सवाल किया है कि क्या पीड़ता का कोई रिश्तेदार राहत के लिए हमारे पास आया, या फिर आपके किसी रिश्तेदार के साथ दुष्कर्म हुआ है? कोर्ट ने कहा, ‘इलाहबाद कोर्ट पहले ही इस मामले में आदेश दे चुका है, शर्मा जी आप इस मामले से जुड़े नहीं हैं और आपराधिक मामले में जनहित याचिका दायर नहीं की जा सकती।’
सुप्रीम कोर्ट ने ने कहा, ‘इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले ही इस मामले में कुछ आदेश दिये हैं, शर्मा जी आप इस मामले में प्रभावित व्यक्ति नहीं है, आपराधिक मामले में जनहित याचिका दायर नहीं हो सकती है।’शर्मा ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्रियों और विधायकों जैसे ताकतवर लोगों की संलिप्तता वाले बलात्कार के अनेक मामलों में पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही है।
अदालत ने वकील से सवाल किया, ‘इन बलात्कार के मामलों में आप कौन हैं? क्या बलात्कार पीड़िता का कोई रिश्तेदार राहत के लिये हमारे सामने है? क्या आपका ऐसा कोई रिश्तेदार है जिसके साथ बलात्कार हुआ है। पीठ की तल्ख टिप्पणी के बाद कोर्ट रूम कक्ष में वकीलों के बीच एकदम सन्नाटा पसर गया।
इस सबके बाद भी जब कोर्ट ने अपनी याचिका पर जोर दिया तो कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है। शीर्ष अदालत उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक की कथित संलिप्तता वाले उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले की सीबीआई जांच के लिये दायर याचिका पर 11 अप्रैल को सुनवाई के लिये तैयार हो गयी थी।