दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल किया है कि क्यों नहीं पेट्रोल और डीजल के दामों में अंतर इस हद तक कम कर दिया जाए जिससे कि लोग डीजल चालित वाहन कम से कम खरीदें। शीर्ष अदालत ने सरकार को इस पर विचार करने के लिए कहा है।
जज मदन बी लोकुर और जज दीपक गुप्ता की पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एएनएस नादकर्णी से पूछा कि क्यों नहीं पेट्रोल और डीजल केदामों में अंतर इस हद तक कम कर दिया जाए कि यात्री वाहन(मझौले श्रेणी वाले) को डीजल वाहन खरीदने के लिए हतोत्साहित हो पीठ ने कहा कि सरकार को इस पर विचार कर अपना रुख बताने के लिए कहा है। पीठ ने कहा कि इस पर विचार करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि डीजल वाहन पेट्रोल वाहन के मुकाबले अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।
देश की सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा है क्यों नहीं अगले वर्ष एक अप्रैल तक दिल्ली समेत 13 महानगरों में एक साथ बीएस-छह ईंधन उपलब्ध हो। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने पेट्रोलियम मंत्रालय से कहा है कि क्यों नहीं एक अप्रैल 2019 तक दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई समेत 13 महानगरों में बीएस-छह ईंधन उपलब्ध हो।
आपको बता दें कि सरकार ने कहा है कि इस वर्ष एक अप्रैल से दिल्ली में बीएस-छह ईंधन उपलब्ध होगा जबकि एनसीआर में अगले वर्ष एक अप्रैल तक उपलब्ध रहेगा। वास्तव में पीठ ने यह महसूस किया कि सिर्फ दिल्ली में बीएस-छह ईंधन की उपलब्धता से क्या वाहन सिर्फ दिल्ली में चलेंगे। दिल्ली से बाहर ये वाहन कैसे चलेंगे। पीठ ने सरकार को इस पर विचार कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।