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सवर्ण आरक्षण का समर्थन करना विपक्ष की मजबूरी, संसद में पेश होगा संविधान संशोधन प्रस्ताव

सवर्णों को आरक्षण..मोदी का ऐलान सवर्ण आरक्षण का समर्थन करना विपक्ष की मजबूरी, संसद में पेश होगा संविधान संशोधन प्रस्ताव

लोकसभा चुनाव के महज कुछ महीनों पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की है। प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले को चुनाव से पहले का मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है। सरकारी नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। लिहाजा आज सरकार संविधान संशोधन बिल संसद में पेश करेगी।

सवर्णों को आरक्षण..मोदी का ऐलान सवर्ण आरक्षण का समर्थन करना विपक्ष की मजबूरी, संसद में पेश होगा संविधान संशोधन प्रस्ताव
सवर्ण आरक्षण का समर्थन करना विपक्ष की मजबूरी, संसद में पेश होगा संविधान संशोधन प्रस्ताव

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आपको बता दें कि बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है।वहीं कांग्रेस ने पहले ही अपने सांसदों के लिए सोमवार और मंगलवार को उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया था। हालांकि सरकार के सामने उक्त बिल को पास कराने के लिए बड़ी चुनौती है। मंगलवार यानी कि आज संसद के  शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है। लिहाजा सरकार के सामने इस बिल को पेश करने और पास करवाने की चुनौती है। विपक्ष पूरी तरह से आक्रामक है। खबर है कि नरेंद्र मोदी सरकार संविधान संशोधन बिल को पास कराने के लिए सत्र को आगे बढ़ाने पर विचार कर सकती है।

क्या है संविधान संशोधन बिल को पास कराने की चुनौतियां

खास बात है कि अगर सरकार को संविधान संशोधन बिल को लागू करवाने के लिए लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बहुमत जरूरी है। लेकिन लोकसभा में तो एनडीए सरकार के पास बहुमत है, जबकि इसके उलट उच्च सदन (राज्यसभा) में विपक्ष की स्थिति मजबूत है।

पीएम मोदी के सवर्ण आरक्षण वाले फैसले बुरी तरह फंसा विपक्ष

केंद्र सरकार के इस फैसले को मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है क्योंकि कई पार्टियां इसकी मांग पहले से करती आई हैं। यही वजह रही कि सोमवार को जब कैबिनेट का फैसला आया, तो किसी भी राजनीतिक दल ने विशेष विरोध नहीं किया। चुनाव से पहले ऐलान करने के पर सरकार की मंशा पर सवाल जरूर उठे। कांग्रेस ने सोमवार को ही स्पष्ट किया है कि पार्टी इस फैसले का समर्थन करेगी, लेकिन नरेंद्र मोदी युवाओं को रोजगार कब देंगे। चुनाव से पहले इस फैसले की घोषणा करने पर कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष द्वारा  इस विल को समर्थन करने के पीछे की वजह वोट बैंक है। इसलिए कांग्रेस  भी मोदी के इस फैसले का समर्थन कर सवर्णों की नाराजगी से बचना चाहेगी।

आपको बता दें कि सोमवार को केंद्र सरकार ने सवर्म आरक्षण को लेकर एक फैसला लिया। इस फैसले अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण समाज के लोगों को सरकारी नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रवाधान है।इसकी कुछ सर्तें भी हैं।

आरक्षण पाक्षता की शर्तें.

गौर करें कि मोदी सरकार के फैसले के मुताबिक सवर्ण जातियों के ऐसे लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा जिनकी सालाना आय 8 लाख से कम हो। जिनके पास 5 हेक्टेयर से कम की खेती की जमीन हो। जिनके पास 1000 स्क्वायर फीट से कम का घर हो। जिनके पास निगम की 109 गज से कम अधिसूचित जमीन हो। जिनके पास 209 गज से कम की निगम की गैर-अधिसूचित जमीन हो। जो अभी तक किसी भी तरह के आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते थे।

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