नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के खूबसूरत अवसर पर सुमन सोंथालिया को उनके देश की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में उनकी उपलब्धियों और योगदान के लिए MSME मंत्री नितिन गडकरी द्वारा ‘वर्ष 2020 की उद्यमी महिलाएं’ प्रदान किया गया। सुमन ने देश की महिलाओं को सशक्त बनाने में अपना अहम योगदान दिया है।
बता दें कि एक आम घरेलू महिला, सुमन सोंथालिया ने बीस साल पहले, महज़ सात हज़ार रुपये से आकृति आर्ट क्रिएशंस की शुरुआत की थी। तब इनके साथ महज दो घरेलु महिलाएँ काम करती थी और आज ढाई सौ से ज्यादा महिलाएँ यहां प्रत्यक्ष तौर पर काम करती हैं। आज इस संस्था का सालाना कारोबार करोड़ों रुपयों का है। सुमन और यहां काम करने वाली महिलाओं ने हस्त शिल्प कला के ज़रिए नारी सशक्तिकरण के नारे को भी मूर्त रुप दिया है। जी हाँ, दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद स्थित आकृति आर्ट क्रिएशंस की महिलाओं ने ये साबित कर दिखाया है! इन महिलाओं के काम का डंका हस्त शिल्प कला के क्षेत्र में देश-विदेश में बज रहा है।
यहाँ काम करने वाली वैसी महिलाएँ हैं जो कभी हर लिहाज से उपेक्षित ज़िन्दगी जी रही थीं। पहले इन्हें हस्तशिल्प कला का प्रशिक्षण दिया जाता है, फिर उन्हें निपुण बना कर वहीं रोज़गार भी उपलब्ध कराया जाता हैं। उनके हर सुख-दुख का ख़्याल रखा जाता है। संस्था की ओर से बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र के सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी जाकर वहां की हज़ारों महिलाओं को भी प्रशिक्षित किया गया जो आज किसी न किसी रुप में आकृति से जुड़ी हुई हैं। क्ले आर्ट, मेटल आर्ट, ढोकरा, मधुबनी पेंटिंग, मांडना, कलमकारी, गोंड, कास्तकारी, ग्लास आर्ट, फाइबर आर्ट और जुलरी जैसे तमाम तरह के कलात्मक कार्यों के ज़रिए ये महिलाएँ आज इतिहास रच रही हैं। नारी सशक्तिकरण का इतिहास रचने वाली सुमन सोंथालिया को राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाज़ा गया।
इन सब से साफ़ है कि गृहणियाँ भी अपनी मेहनत, जुनून और हुनर से एक अलग मुकाम हासिल कर सकती हैं, अपनी आजीविका का पक्का ज़रिया खुद बना सकती हैं! इनकी उपलब्धि, इनका काम वाकई कमाल है! बेमिसाल है!