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आकाश-1एस मिसाइल का सफल परीक्षण, डीआरडीओ की सफलता पर झूम रहे वैज्ञानिक

bumb blast trial आकाश-1एस मिसाइल का सफल परीक्षण, डीआरडीओ की सफलता पर झूम रहे वैज्ञानिक

नई दिल्ली। डीआरडीओ ने सोमवार को आकाश -1एस सतह से वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया। पिछले दो दिनों में डीआरडीओ का यह दूसरा सफल परीक्षण है। यह स्वदेशी साधक युक्त मिसाइल का एक नया संस्करण है। इससे पहले डीआरडीओ ने शुक्रवार को राजस्थान के पोकरण में एक सुखोई लड़ाकू विमान से 500 किलोग्राम कटैगरी के एक गाइडेड बम छोड़ने का सफल परीक्षण किया। यह बम देश में ही विकसित किया गया। गाइडेड बम ने सफलतापूर्वक रेंज हासिल करते हुए लक्ष्य पर काफी सटीक निशाना लगाया।
डीआरडीओ ने राजस्थान के पोकरण परीक्षण रेंज से एसयू-30 एमकेआई विमान से 500 किलोग्राम कटैगरी के एक इंनर्शियल गाइडेड बम का सफल उड़ान परीक्षण किया। बम छोड़े जाने के परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हो गए। यह प्रणाली विभिन्न युद्धक हथियारों को ले जाने में सक्षम है। गाइडेड बम का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब दो दिन पहले ही भारतीय वायुसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में एक सुखोई विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के हवाई संस्करण का सफल परीक्षण किया।
इससे पहले भारतीय वायुसेना ने एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के वायु से सतह पर मार करने वाले संस्करण का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया।सेना के अधिकारियों ने बताया कि हवा से सतह पर मार करने में सक्षम 2.5 टन वजनी मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है और इससे भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य को भेदेगी।

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