लखनऊ: कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश में काफी तबाही मचाई। महाराष्ट्र हो चाहे उत्तर प्रदेश कोविड संक्रमण की दूसरी लहर से कोई राज्य अछूता नहीं रहा है।
INSACOG-NCDC ने किया शोध
अब कोरोना की दूसरी लहर पर लगभग काबू पाया जा चुका है। इसी बीच वैज्ञानिकों ने एक शोध के आधार पर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कोविड की सेकेंड वेवके लिए ‘डेल्टा’ वैरिएंट को जिम्मेदार बताया है, जिसे अल्फा से ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। यह दावा INSACOG (भारत में जीनोम अनुक्रमण करने वाली प्रयोगशालाओं का संघ) व NCDC (राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र) की ओर से अध्ययन के आधार पर किया गया है।
‘अल्फा‘ से 50 फीसद ज्यादा संक्रामक
देश में ‘डेल्टा’ वैरिएंट को अध्ययन के आधार पर चिंता का विषय बताया गया है। इसके अब तक 12 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। शोध के मुताबिक, डेल्टा (B1.617.2) अल्फा (B.1.1.7) की तुलना में 50 प्रतिशत तेजी से फैलता है। चिंता का विषय तो यह है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से कोविड वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमित होने की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं। वहीं, अल्फा वैरिएंट से कोरोना टीकाकरण के बाद खतरा नहीं के बराबर है।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा असर
देश में कोविड की सेकेंड वेव से स्पष्ट है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने सभी वैरिएंटों को पीछे छोड़ दिया है। वर्तमान समय में देश में कोरोना का सबसे प्रमुख वैरिएंट ‘डेल्टा’ ही है। इस वैरिएंट का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा और तेलंगाना में देखने को मिला है।
B.1.617 variant & its lineage B.1.617.2 were primarily responsible for surge in cases with high transmissibility of 50% more than Alpha variant (B.1.1.7), as per study by INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genome Sequencing Consortia ) & National Centre for Disease Control (NCDC)
— ANI (@ANI) June 4, 2021